नमस्कार दोस्तों ! हिंदी
व्याकरण के एक और लेख में आपका स्वागत है। Poems wala इस
तरह के पोस्ट या फिर आर्टिकल लिखने तथा उसे शेयर करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस
पोस्ट में हम आपको विस्तार से प्रबंध काव्य के बारे में बताने वाले हैं। हम
जानेंगे कि प्रबंध काव्य किसे कहते हैं ? प्रबंध काव्य के
कितने भेद होते हैं ? प्रंबध काव्य की परिभाषा उदाहरण सहित
आदि की जानकारी आपको यहां मिलेगी। Prabandh kavya, Prabandh Kavya kise kahte hain ? Prabandh kavya ki paribhasha, Prabandh kavya ke bhed, FAQs
प्रबंध काव्य | Prabandh Kavya
इस लेख में हम काव्य और उसकी परिभाषा नहीं
पढ़ेंगे बल्कि उसके आगे की चीजों के बारें मे जानेंगे। लेख ज्यादा बड़ा और बोरिंग
ना हो जाए इसके लिए हम सिर्फ प्रबंध काव्य के बारें में जानेंगे। ये पोस्ट आप पढ़
रहे हैं इसका मतलब है कि आपको काव्य के बारे में पता है। तो चलिए जानते हैं
प्रबंध काव्य – Poems wala |
प्रबंध काव्य किसे कहते हैं | Prabandh
kavya kise kahte hain
प्रबंध काव्य अच्छे से समझ में आए उसके लिए
आपको थोड़ा पीछे ले चलते हैं। काव्य के मुख्यतः दो भेद होते हैं। श्रव्य काव्य और दृश्य
काव्य। श्रव्य काव्य वह है जो कानों से सुना अथवा मुख
से पढ़ा जाता है। दृश्य काव्य वह है जो अभिनय के माध्यम से देखा सुना जाता है जैसे
नाटक एकांकी आदि।
श्रव्य काव्य के
दो भेद होते हैं प्रबंध काव्य और मुक्तक काव्य। प्रबंध काव्य में कोई धारावाहिक कथा होती है। अर्थात किसी कथायुक्त
श्रव्य को प्रबंध काव्य कहा जाता है।
ये भी पढ़ें : Muktak Kavya | मुक्तक काव्य; परिभाषा,
प्रकार एवं उदाहरण
प्रबंध काव्य की परिभाषा | Prabandh
Kavya ki paribhasha
प्रबंध काव्य वह काव्य होता है जिसमें एक कथा
का सूत्र विभिन्न छंदों के माध्यम से जुड़ा रहता है। इसमें कथा काव्य की शुरुआत से
अंत तक क्रमबद्ध रुप से चलता है। इसमें मुख्य रुप से किसी एक व्यक्ति के संपूर्ण
जीवन चरित्र का वर्णन किया जाता है। जीवन से जुड़ी घटनाएं या कहानी एक काव्य के
रुप में चलता है।
प्रबन्ध काव्य के भेद | Prabandh Kavya
ke bhed
प्रबंध काव्य के दो भेद हैं
- महाकाव्य
- खंडकाव्य
(i) महाकाव्य (Maha kavya) – किसी
काव्य में जब किसी महापुरुष के संपूर्ण जीवन वृत्त का वर्णन किया जाता है, तो वह महाकाव्य होता
है।
जैसे– तुलसीदास कृत रामचरितमानस एवं जयशंकर प्रसाद रचित कामायनी यह दोनों महाकाव्य के उदाहरण हैं।
रामायण में भगवान श्रीराम के सम्पूर्ण जीवन वृत्त का वर्णन किया गया है जबकि कामायनी में मनु और श्रद्धा
(शतरूपा) के सम्पूर्ण जीवन का वर्णन है।
ii) खंडकाव्य (khand Kavya) – जब किसी काव्य में किसी महापुरुष के जीवन के किसी एक भाग को प्रस्तुत
किया जाता है, उसे खण्ड
काव्य कहा जाता है।
जैसे – मैथिली शरण गुप्त रचित पंचवटी एवं नरोत्तम दास रचित सुदामा चरित ये दोनों खंड काव्य का उदाहरण है। इस तरह ये प्रबन्ध काव्य के भेद हैं।
का अर्थ, परिभाषा व लक्षण
प्रबंध काव्य की विशेषताएं | Prabandh
kavya ki visheshtaen
इसमें कोई प्रमुख कथा काव्य के आदि से अंत तक
क्रमबद्ध रूप में चलती है। कथा का क्रम बीच में कहीं नहीं टूटता और गौण कथाएँ
बीच-बीच में सहायक बन कर आती हैं।
इसमें मुख्य रुप से किसी एक व्यक्ति के संपूर्ण
जीवन चरित्र का वर्णन किया जाता है। जीवन से जुड़ी घटनाएं या कहानी एक काव्य के
रुप में चलता है।
Conclusion | निष्कर्ष
आशा करता हूं कि ये आर्टिकल आपको पसंद आयी
होगी। अब आप जान गए होंगे कि प्रबंध काव्य किसे कहते हैं, प्रबंध काव्य के भेद तथा
इसके उदाहरण क्या हैं। Prabandh kavya, Prabandh
Kavya kise kahte hain ? Prabandh kavya ki paribhasha, Prabandh kavya ke bhed,
FAQs अगर ये पोस्ट आपको पंसद आयी हो तो आप हमें कमेंट कर जरूर बताइएगा।
आपने यहां तक पढ़ा इसके लिए धन्यवाद !
और भी पढ़ें :
- काव्य हेतु (Kavya Hetu) | काव्य हेतु का अर्थ एवं परिभाषा
- Kavya Prayojan | काव्य प्रयोजन का अर्थ एवं परिभाषा
- Shabd Vichar | शब्द की परिभाषा, भेद व उदाहरण | हिंदी व्याकरण
FAQS: Poems wala
प्रबंध काव्य किसे कहते हैं ?
प्रबंध काव्य वह काव्य होता है जिसमें एक कथा
का सूत्र विभिन्न छंदों के माध्यम से जुड़ा रहता है।
प्रबंध काव्य के कितने भेद हैं ?
प्रबंध काव्य के दो भेद हैं; 1. महाकाव्य 2. खंडकाव्य
प्रबंध काव्य की विशेषता क्या है ?
इसमें मुख्य रुप से किसी एक व्यक्ति के संपूर्ण
जीवन चरित्र का वर्णन किया जाता है। जीवन से जुड़ी घटनाएं या कहानी एक काव्य के
रुप में चलता है।
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