WhatsApp Channel

Join Now

Telegram Channel

Join Now

Muktak Kavya | मुक्तक काव्य; परिभाषा, प्रकार एवं उदाहरण

By Ranjan Gupta

Updated on:

Follow Us:
Muktak Kavya: Definition, Types and Examples

Muktak Kavya, मुक्तक काव्य: नमस्कार ! दोस्तों….इस पोस्ट में आपका हार्दिक स्वागत है। आज की इस पोस्ट में हम आपको मुक्तक से संबंधित सारी जानकारी मुहैया कराएंगे। हम जानेंगे की मुक्तक काव्य किसे कहते हैं ? या मुक्तक काव्य होता क्या है ? साथ ही हम ये भी जानेंगे की मुक्तक काव्य के कितने भेद होते है।

परीक्षा के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण है। यह प्रश्न कई बार एग्जाम में पूछा जा चुका है। यहां इसकी पुरी जानकारी दी गई है इसलिए यह महत्पूर्ण है कि पोस्ट को अंत तक जरुर पढ़ें। तो चलिए अब शुरू करते है और जानते है कि, Muktak kavya kise kahte hai ? Prabandh aur muktak kavya kya hai ? FAQs

काव्य और उसकी शैली | Kavya Shaili

काव्य या पद्द (Poetry) उसे कहते हैं जो श्रोता या पाठक के मन में भावात्मक आनन्द की सृष्टि करती है। इसकी दो शैली या पक्ष होते हैं:- 1) भाव पक्ष 2) कला पक्ष 

भाव पक्ष में काव्य के वर्णन करने योग्य विषय आ जाते है और कला पक्ष में वर्णन-शैली के सभी अंग सम्मिलित हे। यानी की भाव-पक्ष का सम्बन्ध काव्य की विषय वस्तु से है और कला-पक्ष का संबन्ध आकार-शैली से है। 

हालांकि, वस्तु या आकार एक-दूसरे से पृथक नहीं हो सकते, क्योंकि कोई भी वस्तु आकारहीन नहीं हो सकती। 

काव्य के भेद | Kavya ke Bhed

काव्य के दो भेद या प्रकार होते हैं- 

  • श्रव्य काव्य (सुना या पढ़ा जाने वाला काव्य)
  • दृश्य काव्य (चित्रण के माध्यम से रस की अनुभूती कराने वाला काव्य)

श्रव्य काव्य की बात करें तो इसकी अनुभूती पढ़कर या सुनकर होती है, जबकि दृश्य काव्य में रसानुभूति अभिनय एवं चित्र के द्वारा की जाती है। 

श्रव्य काव्य के भी दो उपभेद हैं- 

  • प्रबंध काव्य
  • मुक्तक काव्य 

यह भी पढ़ें: वर्ण विचार की परिभाषा, वर्ण के भेद एवं उदाहरण | Hindi Varnmala

1. प्रबंध काव्य | Prabandh Kavya

प्रबंध काव्य में किसी कथा का आश्रय लेकर रचना की जाती है। इसमें एक कथा का सुत्र विभिन्न छंदो के माध्यम जुड़ा रहता है। प्रबंध काव्य में कथा शुरुआत से अंत तक क्रमबद्ध तरीके से चलता रहता है। साथ ही इसमें मुख्य रूप से किसी एक व्यक्ति के संपूर्ण जीवन चरित्र का वर्णन किया जाता है। 

रामचरितमानस इसका बढ़िया उदाहरण हो सकता है क्योंकि इसमें श्रीराम से जुड़ी हर घटनाओं को क्रमबद्ध तरीके से दर्शाया गया है। 

Muktak Kavya
Muktak Kavya

प्रबंध काव्य के भी दो प्रकार हैं- 

  • खण्डकाव्य
  • महाकाव्य

महाकाव्य: लंबी कथाओं को उसकी सभी खंडो को समाहित करते हुए उसके अन्य पात्रों एवं साथियों को इसमें वर्णित किया जाता है। उदाहरण के लिए लोकादर्श, उदान्त शैली का रचना जैसे हरिऔधजी का काव्य-ग्रंथ: प्रियप्रवास

खण्डकाव्य: जब किसी लोकनायक के जीवन के किसी एक अंश या खण्ड पर आधारित काव्य की रचना की जाती है तो उसे खण्डकाव्य कहते हैं। उदाहरण- दिनकर जी का खण्डकाव्य – रश्मिरथी

यह भी पढ़ें:- Khand Kavya | खंड काव्य की परिभाषा, उदाहरण, लक्षण एवं विशेषताएं

2. मुक्तक काव्य | Muktak Kavya

मुक्तक काव्य की परिभाषा: वह काव्य रचना जिसमें कथा नहीं होती तथा प्रत्येक छंद पूर्व पद के प्रसंग से मुक्त होता है, मुक्तक काव्य कहलाता है। इसमें एक अनुभूति, एक भाव और एक ही कल्पना का चित्रण होता है। मुक्तक काव्य की भाषा सरल व स्पष्ट होती है । इसका प्रत्येक छंद स्वतंत्र होता है ।

मुक्तक काव्य में स्वतंत्र पदों के रूप में भाव को अभिव्यक्त की जाती है। मुक्तक काव्य का उदाहरण – मुक्तक काव्य का सर्वोत्तम उदाहरण बिहारी की सतसई है । इसके अलावा बिहारी, रहीम, वृन्द, सूर, मीरा के दोहे तथा पद आदि। 

मुक्तक काव्य मुख्य रूप से दो प्रकार के होते है –

  • पाठ्य मुक्तक
  • गेय मुक्तक काव्य

पाठ्य मुक्तक काव्य:- 

विभिन्न विषयों पर विचार प्रधान रचनाओं का संग्रह पाठ्य-मुक्तक श्रेणी में आता है। इनमें भावों की अपेक्षा विचारों तथा विषय की प्रधानता होती है। प्रसंग के अनुसार कल्पना का विशेष चित्रण होता है।

कबीर, तुलसी एवं रहीम के नीति सम्बन्धी दोहे तथा बिहारी एवं मतिराम के शृंगारपरक दोहे पाठ्य-मुक्तक के उदाहरण हैं।

गेय मुक्तक काव्य:– 

गेय मुक्तक को गीति या प्रगीति काव्य भी कहा जाता है। गेय मुक्तक में भाव प्रवणता, सौन्दर्य बोधित काव्य होती है। इनमें भावना एवं रागात्मकता की प्रधानता होती है। इन गेय पदों में संगीत की प्रधानता एवं उसकी लिरिक्स होती है।

कबीर, सूर, तुलसी, मीरा के गाये पद इसी श्रेणी में आते हैं। आधुनिक युग के कवियों के प्रगीत भी उल्लेखनीय हैं। इनमें निराला, प्रसाद, पंत एवं महादेवी वर्मा के नाम उल्लेखनीय हैं।

यह भी पढ़ें:- Mahakavya | महाकाव्य की परिभाषा, विशेषताएं (लक्षण व तत्व)

निष्कर्ष 

आशा है की यह पोस्ट आपको अच्छी लगी होगी और अब आप जान गए होंगे की मुक्तक काव्य किसे कहते है (Muktak Kavya: Definition, Types, Examples) और मुक्तक काव्य की विशेषताएं क्या-क्या है ? अगर अगर आपको ये पोस्ट पसंद आई हो तो हमें कमेंट करके जरुर बताएं। आपने यहां तक पढ़ा इसके लिए दिल धन्यवाद! 

और पढ़ें:- Prabandh Kavya | प्रबंध काव्य ; परिभाषा, भेद व उदाहरण

FAQs

मुक्तक काव्य किसे कहते है ?

वह काव्य रचना जिसमे कथा नहीं होती तथा प्रत्येक छंद पूर्व पद के प्रसंग से मुक्त होता है, मुक्तक काव्य कहलाता है।

मुक्तक काव्य की विशेषताएं लिखिए ?

मुक्तक काव्य में स्वतंत्र पदों के रूप में भाव को अभिव्यक्त की जाती है। तथा मुक्तक काव्य की भाषा सरल व स्पष्ट होती है।

मुक्तक काव्य के उदहारण बताइये ?

मुक्तक काव्य का बेस्ट उदाहरण बिहारी की सतसई है। इसके अलावा बिहारी, रहीम, वृन्द, सूर, मीरा के दोहे तथा पद आदि।

साइट विजिट करें: https://ratingswala.com

Ranjan Gupta

मैं इस वेबसाइट का ऑनर हूं। कविताएं मेरे शौक का एक हिस्सा है जिसे मैनें 2019 में शुरुआत की थी। अब यह उससे काफी बढ़कर है। आपका सहयोग हमें हमेशा मजबूती देता आया है। गुजारिश है कि इसे बनाए रखे।

5 thoughts on “Muktak Kavya | मुक्तक काव्य; परिभाषा, प्रकार एवं उदाहरण”

Leave a Comment