स्नेह: एक माँ का | Maa par Kavita | Poem on Mother in Hindi

By Ranjan Gupta

Updated on:

Follow Us:
Maa par Kavita | Poem on Mother in Hindi

Maa par Kavita | Poem on Mother in Hindi: वस्तुतः माँ का चित्रण कई बार भली भांति देखने तथा सुनने को मिल जाता है। मुझे भी मिला किसी न किसी रूप में कविताओं में, हस्तकलाओ मे, मन की गाथाओ में, अन्यत्र सीमाओ में। आँखों से देखा और कानों से सुना पर ये चीज न आँखों से सुनी गयी और न ही कानो से देखा गया अज़ीब है न ये वाक्य पर समझने योग्य है। जितना मुश्किल कठिन को सरल कहना और सरल को कठिन है ठीक उतना ही आँखों से सुनना एवं कानों से देखना है। स्वाभाविक है देखा आँखों से ही जाता है पर मूलतः हम देखने के लिए देखते है,समझने के लिए नहीं। जब अहसास हुआ तो बहुत सारी आवाजों का हुजूम उमड़ पड़ा।

स्नेह: एक माँ का | Poem on Mother in Hindi

दिन के उजियारे में

गली के मुहाने में

आस होती है तो सिर्फ

मम्मी से बहाने में।

 

पहेलियों की उस बुनियाद में

याद की परात में

हथेलियों सी उन ख़ाब में

ममता की सैलाब में

जीना है तो सिर्फ

माँ की आँचल तले कैलाश में।

 

सबकुछ आसान

माँ का फरमान

पूरा करना है बस

माँ का अरमान।

हर मोड़ पे

माँ बस तेरा ही ज्ञान।

 

मेरी बचपन कैसे गुजरी,मुझे ठीक से याद नहीं और जो याद है वो नीरस और निराधार नहीं। माँ को जब समझने की कोशिश करता हूँ, कई राज सुलझा हुआ पाता हूँ क्यूंकि चाहकर भी माँ इसे छिपा नहीं सकती बल्कि माँ ने इसे छिपाना कभी चाहा ही नहीं। ममता, स्नेह, करुणा कभी छिप सकती है क्या भला? सर पर हो रहे सफ़ेद बाल मुझे ये अहसास कराती है कि अब मैं बड़ा हो गया हूँ। झुर्रियां जो ये बतलाने की कोशिश कर रही है कि माँ के चाहतों की लिस्ट लम्बी है जिसे पूरा करना है।लाल बिंदी जो सूरज सा चमकने का सन्देश देती है। उनकी आँखों की धीमी रोशनी आज भी उतना ही पर्याप्त है आगे की ओर बढ़ने क लिए जितना बचपन में हुआ करती थी।

 

करती हैं माँ हमारे लिए, कोशिशे हज़ार

करते रहो ऐ मानुष, मिन्नते बार-बार।

 

: रंजन गुप्ता 

Read More: Life Motivational Poem in Hindi | जीवन जीने के लिए प्रेरणादायक कविता

Ranjan Gupta

मैं इस वेबसाइट का ऑनर हूं। कविताएं मेरे शौक का एक हिस्सा है जिसे मैनें 2019 में शुरुआत की थी। अब यह उससे काफी बढ़कर है। आपका सहयोग हमें हमेशा मजबूती देता आया है। गुजारिश है कि इसे बनाए रखे।

0 thoughts on “स्नेह: एक माँ का | Maa par Kavita | Poem on Mother in Hindi”

  1. मां के स्नेह के बारे में बहुत अच्छा है पर फिर भी हम मां के स्नेह को हम कभी शब्दों में बया नहीं कर सकते है।

    Reply

Leave a Comment