Padbandh | पदबंध की परिभाषा, भेद और उदाहरण

By Ranjan Gupta

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Padbandh | पदबंध > नमस्कार दोस्तों ! आज की लेख में हम हिंदी व्याकरण (Hindi Grammar) में पदबंध (Padbandh) के बारे में पढेंगे। इसके अंतर्गत हम पदबंध की परिभाषा (Padbandh ki paribhasha),पदबंध किसे कहते है (Padbandh kise kahate hain), पदबंध के कितने भेद होते है (Padbandh ke kitne bhed hote hain), इन बिन्दुओं पर हम चर्चा करेंगे। इसके अलावा पदबंध की परिभाषा उदहारण सहित, पदबन्ध और उपवाक्य में अन्तर आदि पर भी चर्चा करेंगे। 

पदबंध | Padbandh
पदबंध | padbandh – Poems Wala

पदबंध | Phrase

हिंदी भाषा में पदबंध के अध्ययन का प्रचलन अंग्रेजी भाषा के फ्रेज़ (Phrase) के अनुवाद के रूप में किया गया है। इससे पूर्व पदबंध का स्वतंत्र अध्ययन हिंदी व्याकरण में प्रचलित नहीं था। पदबंध को जानने से पहले चलिए जानते हैं कि पद किसे कहते हैं ? (pad kise kahte hain) 

पद (Pad)

परिभाषा:- वाक्य में प्रयोग किए जाने वाले  शब्द ’पद’ कहलाते हैं। पद के दो मुख्य अंग होते हैं-

शीर्ष और आश्रित पद – पदबंध में भी एक पद शीर्ष पद होता है। वह अन्य पदों का केन्द्र होता है। शेष पद उस पर आश्रित होते हैं। जैसे – देवकी नन्दन कृष्ण में कृष्ण शीर्ष पर है। ‘देवकी नंदन’ कृष्ण पर आश्रित है।

पदबंध की परिभाषा – Padbandh ki paribhasha


परिभाषा:– जब एक से अधिक पद मिलकर व्याकरण पर आधारित इकाई का निर्माण करते हैं तब उस बँधी हुई इकाई को पदबंध (Padbandh) कहते हैं। जैसे – देवकी नन्दन कृष्ण ने गोपियों का मन मोह लिया। यहाँ देवकी नन्दन कृष्ण कर्ता कारक का कार्य कर रहा है। अतः यह एक पदबंध है।

आसान भाषा में कहे तो जब दो या दो से अधिक पद मिलकर एक पद का कार्य करते हैं तब उन्हें पदबंध कहा जाता है। दूसरे शब्दों में इसे कह सकते हैं कि ‘कई पदों के योग से बने वाक्यांशो को, जो एक ही पद का काम करता है, ‘पदबंध‘ कहते है।’

डॉ० हरदेव बाहरी ने ‘पदबन्ध’ की परिभाषा इस प्रकार दी है- 

वाक्य के उस भाग को, जिसमें एक से अधिक पद परस्पर सम्बद्ध होकर अर्थ तो देते हैं, किन्तु पूरा अर्थ नहीं देते- पदबन्ध या वाक्यांश कहते हैं। उदाहरण के लिए : बगीचे में खिलने वाला गुलाब का फूल बहुत सुंदर है। 

पदबंध | Padbandh
पदबंध | Padbandh – Poems Wala 


पदबंध के भेद (Padbandh Ke Bhed)

पदबंध 5 प्रकार के होते हैं –
  1. संज्ञा पदबंध
  2. सर्वनाम पदबंध
  3. विशेषण पदबंध
  4. क्रिया पदबंध
  5. क्रिया विशेषण पदबंध

(1) संज्ञा पदबंध (Sangya padbandh)

संज्ञा पदबंध किसे कहते हैं ? Sangya padbandh kise kahate hain


परिभाषा :- संज्ञा पद के स्थान पर प्रयुक्त होनेवाला पद-समूह को संज्ञा पदबंध (Sangya padbandh) कहते हैं। इसमें प्रयुक्त होनेवाले सभी पद किसी संज्ञा को ही स्पष्ट करते हैं। जैसे :- भारत के प्रधानमंत्री आज विदेश-यात्रा पर हैं। इस वाक्य में ‘भारत के प्रधानमंत्री’ संज्ञा-पदबन्ध है।

(2) सर्वनाम पदबंध (Sarvnam Padbandh)

सर्वनाम पदबन्ध किसे कहते हैं ?   padbandh kise kahate hain

परिभाषा :- सर्वनाम के रूप में प्रयुक्त पद-समूह को सर्वनाम-पदबन्ध (Sarvnam Padbandh) कहते हैं। जैसे : शेर की तरह दहाड़नेवाले आप भीगी बिल्ली कैसे बन गए ? इस वाक्य में शेर की तरह दहाड़नेवाला सर्वनाम पदबंध है। 

(3) विशेषण पदबंध (Visheshan padbandh)

विशेषण पदबंध किसे कहते हैं ? Visheshan padbandh kise kahate hain

परिभाषा :- जो पदबंध संज्ञा या सर्वनाम के विशेषण के रूप में प्रयुक्त होते हैं उन्हें विशेषण पदबंध (Visheshan padbandh) कहा जाता है। जैसे – मीठे-मीठे सपने देखने वाले लोग अकर्मण्य होते हैं। इस वाक्य में मीठे मीठे विशेषण पदबंध है। 

(4) क्रिया पदबंध (Kriya padbandh)

क्रिया पदबंध किसे कहते है – Kriya padbandh kise kahate hain

परिभाषा :- एक से अधिक क्रिया-पद मिलकर जहाँ क्रिया का कार्य समाप्त करते हैं, वहाँ क्रिया पदबंध (Kriya padbandh) होता है। जैसे – मुझे सुनाई पड़ रहा है। यहां सुनाई पड़ रहा है पदबंध ‘क्रिया पदबंध’ का कार्य कर रहा है। 

(5) क्रिया-विशेषण पदबंध या अव्यय पदबंध (Kriya-Visheshan Padbandh)

क्रिया-विशेषण पदबंध किसे कहते हैं ? Kriya-Visheshan kise kahate hain

परिभाषा :- इस वाक्यांश का उपयोग ऐसी जगह किया जाता है,  जहां पर क्रिया-विशेषण (Kriya-Visheshan Padbandh)का उपयोग होता है। इस पदबंध का अंतिम शब्द अव्यय होता है। जैसे – सोहन बहुत धीरे-धीरे बोलता है। यहाँ बहुत धीरे-धीरे क्रिया विशेषण पदबंध है क्योंकि यह बोलना क्रिया की विशेषता बतलाता है।

पदबन्ध और उपवाक्य में अन्तर

पदबन्ध और उपवाक्य में अन्तर है-

उपवाक्य (Clause) भी पदबन्ध (Phrase) की तरह पदों का समूह है, लेकिन इससे केवल आंशिक भाव प्रकट होता है, पूरा नहीं। पदबन्ध में क्रिया नहीं होती, उपवाक्य में क्रिया रहती है; जैसे-‘ज्योंही वह आया, त्योंही मैं चला गया।’ यहाँ ‘ज्योंही वह आया’ एक उपवाक्य है, जिससे पूर्ण अर्थ की प्रतीति नहीं होती।

अंतिम के कुछ शब्द 

इस प्रकार से आज हमने आपको हिंदी व्याकरण के महत्वपूर्ण भाग पदबंध परिभाषा, भेद और उदाहरण के बारे में जानकारी दी है। उम्मीद हैं कि आपको हमारे द्वारा दी गई जानकारी समझ आयी होगी और आपको किसी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा होगा। अगर फिर भी कोई परेशानी है तो आप कमेंट कर बता सकते हैं। 
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पद किसे कहते हैं ?

 परिभाषा:- वाक्य में प्रयोग किए जाने वाले  शब्द ’पद’ कहलाते हैं। पद के दो मुख्य अंग होते हैं-

पदबंध की परिभाषा लिखें 

 परिभाषा:– जब एक से अधिक पद मिलकर व्याकरण पर आधारित इकाई का निर्माण करते हैं तब उस बँधी हुई इकाई को पदबंध (Padbandh) कहते हैं। 

पदबंध का उदाहरण दें

 जैसे – देवकी नन्दन कृष्ण ने गोपियों का मन मोह लिया। यहाँ देवकी नन्दन कृष्ण कर्ता कारक का कार्य कर रहा है। अतः यह एक पदबंध है।

पदबंध के कितने भेद होते हैं ?

 पदबंध 5 प्रकार के होते हैं –

  1. संज्ञा पदबंध
  2. सर्वनाम पदबंध
  3. विशेषण पदबंध
  4. क्रिया पदबंध
  5. क्रिया विशेषण पदबंध


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Ranjan Gupta

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