Muktak chhand | मुक्तक छंद की परिभाषा, भेद तथा उदाहरण

By Ranjan Gupta

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Muktak chhand | मुक्तक छंद : नमस्कार दोस्तों, आज के इस ब्लॉग में आप सभी का
स्वागत है। इस लेख में हम आपके लिए मुक्तक छंद लेकर आए हैं। परीक्षाओं में इस विषय
पर काफी प्रश्न पूछे जाते हैं। इसलिए आपके लिए ये काफी फायदेमंद साबित हो सकता है।
इसमें हमें जानेंगे, कि मुक्तक छंद किसे कहते हैं, मुक्तक छंद के कितने भेद है
?
मुक्तक छंद की क्या विशेषताएं हैं?
मुक्तक छंद से संम्बंधित कुछ
FAQs

Muktak chhand - Poems wala
Muktak chhand

छंद किसे कहते हैं | Chhand kise kahte
hain?

छंद का अर्थ है ताल या लय। तुकमात्रालयविरामवर्ण आदि के नियमों में आबद्ध पंक्तियां छंद (Chhand) कहलाती हैं। इसका उपयोग कविता को सुंदर और प्रभावी बनाने के लिए
किया जाता है। छंद के सात अंग तथा तीन भेद होते हैं।

उदाहरण :

चक्खि न लिया सावकबीर
प्रेम न चक्खिया ।

ज्यूं आया त्यूं जावसूने घर का
पाहुना ।।

ये भी पढ़ें Chhand kise kahte hain | छंद की परिभाषा, अंग व भेद उदाहरण सहित


छंद के भेद | Chhand ke bhed 

छंद के तीन भेद (Chhand ke bhed) होते हैं, जो निम्नलिखित है –

  • मात्रिक छंद | Matrik chand 
  • वर्णिक छंद | Varnik chand 
  • मुक्तक छंद | Muktak chand 

 

Muktak chhand
Muktak chhand 

मुक्तक छंद | Muktak Chhand ki
Paribhasha

जिन छंद में वर्ण और मात्राओं की गणना न हो
यानी जिसमें वर्णों और मात्राओं का बंधन नहीं होता है
, उसे मुक्तक छंद (Muktak chhand ki paribhasha) कहते हैं। मुक्त छंद को आधुनिक युग की देन माना जाता है। आजकल हिंदी
में स्वतंत्र रूप से लिखे जाने वाले छंद मुक्त छंद होते हैं।
 

उदाहरण-

रहिमन पानी राखिए, बिन
पानी सब सून।

पानी गए न ऊबरै, मोती
मानुष चून।।

ये भी पढ़ें Muktak Kavya | मुक्तक काव्य; परिभाषा, प्रकार एवं उदाहरण

मुक्तक छंद की विशेषताएं | Muktak
Chhand ki Visheshtaen

चरणों की अनियमित, असमान,
स्वछन्द गति तथा भाव के अनुकूल यति विधान ही मुक्त छंद की विशेषताएं (Muktak Chhand ki Visheshtaen) है। ये एकमात्र एक ऐसा छंद है जिसमें न तो वर्णों की गिनती होती है
और ना ही मात्राओं की गिनती की जाती है।

मुक्तक छंद की विशेषताएं निम्नलिखित है

  1. इसका प्रत्येक वर्ण एवं चरण अपने आप में
    स्वतंत्र होते हैं।
  2. इसमें एक चरण का दूसरे चरण से कोई संबंध नहीं
    होता है।
  3. यह छंद असमान, स्वछन्द
    गति होते हैं। यानी नियमवध्द नहीं होते है।
  4. इस छंद में लय (राग) सदा एक सा नहीं रहता है;
    ये बदलते रहते हैं।

ये भी पढ़ें {2023} Best Muktak Ever | हिंदी में अब तक के बेस्ट मुक्तक संग्रह

FAQs

मुक्तक छंद की परिभाषा क्या है?

 जिन छंद में वर्ण और मात्राओं की गणना न हो उसे मुक्तक छंद कहते हैं।

छंद के कितने भेद होते हैं?

 छंद के तीन भेद होते हैं.., क. मात्रिक छंद, ख.
वार्णिक छंद, ग. मुक्तक छंद

मुक्तक छंद की विशेषता क्या है ?

 चरणों की अनियमित, असमान,
स्वछन्द गति तथा भाव के अनुकूल यति विधान ही मुक्त छंद की विशेषताएं
हैं।

ये भी पढ़ें :  कविता किसे कहते है (What is Poetry) | कविता की परिभाषा

हमें उम्मीद है कि ये लेख  आपको खूब पसंद आयी होगी। इसमें हमनें मुक्तछंद की समस्त जानकारी आपके साथ साझा की है। अगर ऐसी ही विषयों पर जानकारी चाहते
हैं तो इस वेबसाइट पर बने रहें। साथ ही आप हमें उस विषय पर भी सवाल पूछ सकते हैं जिसके बारे में आप जानना चाहते हैं..यदि आपको यह पोस्ट पसंद आयी हो तो दोस्तों के साथ शेयर कीजिए।

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Ranjan Gupta

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