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जीवन जीने की प्रेरणा और संघर्ष पर कविता | Hindi Poem on struggle of living life

By Ranjan Gupta

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Hindi Poem on struggle of living life

Hindi Poem on struggle of living life: जीवन जीना हर किसी के लिए आसान नहीं होता। लेकिन, जीवन के पथ पर चलते रहना काफी आवश्यक है। यह आपको मुश्किलों से सामना जरुर कराता है लेकिन साथ ही साथ आपको कई सीख देकर जाता है जो आपको मजबूत बनाता है। ऐसे में हम आपके लिए लाए हैं जीवन जीने की प्रेरणा और संघर्ष पर कविता | Hindi Poem on struggle of living life.. कविता की शुरुआत एक शायरी से करते हैं कि.

अजीब तरह से गुजर गयी मेरी भी जिंदगी
सोचा कुछ, किया कुछ, हुआ कुछ, मिला कुछ

जीवन की मुश्किलें | Hindi Poem on struggle of living life

जीवन पथ पर चलते-चलते,
आती हैं मुश्किलें अनगिनत।
कभी निराशा के बादल छाते,
कभी आँसू बह जाते अविरत।

सपनों की राह में काँटे बिछे,
आशा की किरण भी धुँधली दिखे।
पर हार न मानो, ओ राही,
संघर्षों से ही तो जीवन निखरे।

हर मुश्किल एक सीख है देती,
अनुभवों की गठरी है भरती।
गिरकर उठना, फिर से चलना,
यही तो है जीवन की रीति।

माना कि परेशानियाँ हैं भारी,
पर हौसले से जीतो बाजी सारी।
मन में रखो दृढ़ विश्वास,
मुश्किलों के पार है खुशियों की क्यारी।

-पं• उत्तम शर्मा

खुशी: एक एहसास

खुशियों का रंग है निराला,
हर दिल में बसता उजाला।
हंसी की हल्की फुहारें,
जैसे सावन की मधुर बौछारें।

हर सुबह नई उमंग लाए,
सपनों के पंख हमें उड़ाए।
आसमान में उड़ते हैं अरमान,
खुशियों से भर जाए ये जहान।

चेहरे पे मुस्कान हो गहरी,
मन में न हो कोई भी बेबसी।
हर दिन हो जैसे त्यौहार,
खुशियों से भरे रहें अपने संसार।

दुखों के बादल भी छंट जाएंगे,
रौशनी के दीप फिर जल जाएंगे।
जो दिल से खुशी को अपनाएंगे,
जीवन में बहारें सदा पाएंगे।

खुशियों का एहसास है गहरा,
हर दिल में बसा है सुनहरा।
हमें बस मुस्कुराना है हर बार,
यही है जिंदगी का सच्चा उपहार।

Dr. Arti

मैं लिखता जाता हूँ

मैं लिखता जाता हूँ,
शब्दों की माला बनाता हूँ,
कभी खुशी के गीत गाता हूँ,
कभी दर्द की बातें बताता हूँ।

मैं लिखता जाता हूँ,
जीवन के रंग भरता हूँ,
कभी सपनों की उड़ान भरता हूँ,
कभी हकीकत से लड़ता हूँ।

मैं लिखता जाता हूँ,
मन के भावों को सजाता हूँ,
कभी अपनों को याद करता हूँ,
कभी अनजाने रास्तों पर चलता हूँ।

मैं लिखता जाता हूँ,
यह मेरा धर्म है,
यह मेरा कर्म है,
यह मेरा जीवन है।

–पं• उत्तम शर्मा

जीवन का खेल

जीवन जब खेल बन जाता है,
अपना-पराया समझ नहीं आता है।
सब देखकर जब आंँखें फेर लेते हैं,
दिल के दर्द को कोई सुन नहीं पाता हैं।

जब तक है धन दौलत पास,
गैर भी प्यार जताते हैं।
उनसे पूछो जिनको प्यार में,
उनके अपने ही लूटते है।

वक्त नहीं होता यहांँ यारों,
किसी का भी कभी गुलाम।
जो वक्त से लड़ा वो वीर,
उसके कदमों में होता है ज़हान।

मुश्किलों में जो हरदम,
सदा मुस्कुराता रहता है।
दुनिया भी उसके कदमों में,
हरदम अपना शीश नवाती है।

डाॅ. महेश बालपांडे

मेरी जिंदगी क्या है?

मेरी ज़िंदगी क्या है,
एक कलाकार है,
देखो देते हैं सब इसकी मिसाल है,
जाओ कहदो सबसे हमें कुछ काम है,
बेकार चाँद ऊपर है,
नीचे से लेता सलाम है,
हमने देख लिया है सब
कुछ नहीं जानते अब
सब तेरी आँखों के सामने बेनाम है,
मेरी ज़िंदगी तो एक कलाकार है,
जिससे देखो वो देता इसकी मिसाल है।

हये कोई आ के देखे तो
गुलाब रख दे
मेरे दरवाज़े के बाहर,
अपना दिल बक्श दे,
साँसे यू चढ़ी हैं मेरी,
मेरा दिल बेकारार है,
कहते हो तुम जिससे खुदा,
हमें उसी से प्यार है,
ना कोई बात है अपनी,
ना किसका साथ है,
हम तो अकेले ही,
महफिल के सरताज है,
मेरी ज़िंदगी तो एक कलाकार है,
देते देखो सब लोग इसकी मिसाल है।

हम तो थक गए अब,
सीने में दर्द है,
मेरी आज आँखों में क्यों,
किसी का इंतज़ार है,
जाओ बंद कर दो ये दुनिया,
जाओ ताला लगा दो अंतरिश का,
हम तो एक बावल हैं,
किसी के हम कर्जदार नहीं हैं,
हमें खुद से प्यार है,
जाओ सुन लो ये दुनिया,
हमारा दिल साफ है,
जितने खून किए हैं तुमने,
वो सब माफ है,
मेरी ज़िंदगी तो बस एक कलाकार है।

उसमे मेरी हुजूरी,
उसी में मेरी सरकार है,
मेरी ज़िंदगी तो बस एक कलाकार है,
कितना दर्द है मुझमें,
क्या इसका कोई नाप है,
ठोकती है ये दुनिया,
झूठी शान को सलाम है,
अब तो रोए रोए से,
हम कुछ यू रह रहे हैं,
ज़िंदा तो बस नाम है,
हम मुर्दा की तरह जी रहे,
दिल की धड़कन बस आवाज़ बनकर रह गई है,
साँसे बस थागे बन गए हैं,
ये सिली है मेरी ज़िंदगी की चादर,
खुदा ने की सितारे लगाते लगाते चुक गए है
कोई नहीं ये सारा दर्द एक विरान है,
हमें तो नाटक है खुश रहने का,
क्योंकि मेरी ज़िंदगी एक कलाकार है।

इस कला को खेलते खेलते
उम्र निकल जाएगी,
पर असली कला तू सिर्फ दिल से आएगी,
ये ज़िंदगी है यारो,
यूही चलती जाएगी,
आप किरदार हैं इसके,
वो नाटक करवाती जाएगी,
तो जब नाटक करना हैं तो खुल के करो,
ये ज़िंदगी है मेरे यारो,
इससे हंसके जियो,
मेरा क्या है,
मेरा तो नाटक कायम है,
आप अपने नाटक को क़यामत से बचा के रखो,
अगर ज़िंदगी एक शायरी है,
तू इसपे नज़्म लिख दिलो,
ज़िंदगी एक पल है,
तुम इसमें सदिया जी डालो,
क्योंकि हम सबकी जिंदगी एक कलाकार हैं
दिल हम सबकता रहता बेकारार है।

Bhoomi Bhardwaj


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Ranjan Gupta

मैं इस वेबसाइट का ऑनर हूं। कविताएं मेरे शौक का एक हिस्सा है जिसे मैनें 2019 में शुरुआत की थी। अब यह उससे काफी बढ़कर है। आपका सहयोग हमें हमेशा मजबूती देता आया है। गुजारिश है कि इसे बनाए रखे।

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