WhatsApp Channel

Join Now

Telegram Channel

Join Now

आज की कविताएं | Short Hindi Poems | Hindi Kavita

By Ranjan Gupta

Published on:

Follow Us:
Short Hindi Poems | Hindi Kavita

Short Hindi Poems, Hindi Kavita: दिल चाहता है, अधूरे अफसाने बांकी नगमें, मैं तेरा बालक हूं, गांव, यह तेरा ही दीवाना रहे..कविताएं नीचे पढ़ें..


दिल चाहता है

यह कविता एक सरल लेकिन शांतिपूर्ण जीवन की गहरी इच्छा को व्यक्त करती है। कवि एक छोटे से घर की कामना करता है, जहाँ भले ही सुख-सुविधाएँ न हों, लेकिन शांति हो। वह मिट्टी की खुशबू, खुले आसमान, पक्षियों की चहचहाहट और प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर एक जीवन चाहता है। कवि ऐसी जगह की कल्पना करता है जहाँ दुख भी मुस्कान के साथ बांटे जा सकें और हर ग़म एक खूबसूरत सफर लगे।

दिल चाहता है,
एक छोटा सा घर हो,
जहां सुख ना, पर शांति मगर हो
हो मिट्टी की खुशबू सुकून हो जहां का
नीले अंबर का सुहाना डगर हो।

दिल चाहता है,
एक छोटा सा घर हो,
जहां बागों में पक्षी का डेरा मगर हो।
खिली हो जहा तेजी सी धूप
रहूं मै वहां ठंडे शाम के छावों का बसेरा अगर हो।

दिल चाहता है,
एक छोटा सा घर हो,
खुशियों से भरा एक सुंदर नगर हो
जहां बांटू मै दुख मुस्कुराहट लिए
जहां गम भी लगे खूबसूरत सफर हो।
दिल चाहता है..
एक छोटा सा घर हो...

Anukriti mishra

अधूरे अफ़साने, बाँकी नग़में | Hindi Kavita

This poem is about the hopes. Whatever life offers, it will yet better itself. Instead of harking back, we should look at the future with great optimism. World will move on. World keeps evolving. Generations will get better. There will be better people, better stories, better poems. What we are doing now is trying to make this world a better place than what we inherited. And the next generation will play their parts to make it even better.

अधूरे अफ़साने, बाँकी नग़में

सबसे अच्छी कहानियाँ,
अभी तक लिखे
नहीं गए.
सबसे अच्छी कविताएँ,
अभी तक सुनाए
नहीं गए.

कौन लिखता
उन किस्सों को,
कौन सुनता उन्हें?
कौन सुनाता
उन नग़मों को,
कौन गुनगुनाता उन्हें?
सुनने और सुनाने
के वो फ़ासले,
अभी तक
मिटाये ना गए.

कहानियाँ एक मोड़
पर खड़ी रहीं,
और कविताएँ
शोरों में दबी रहीं.
किस राह पर
मुड़े वो अफ़साने?
कैसे शोरों से
उभरे वो नग़में?
ये कश्मकश
अभी तक सुलझाये
ना गए.

किरदारों के भँवर में
फँसी कहानियाँ,
और छंदों में
लय खोजती कविताएँ.
कैसे उस
चक्रव्युह से निकले?
वो राज
अभी तक समझाये ना गए.

कल गया तो गया,
कल आने
अभी बाँकी हैं.
कहानियाँ अधूरे ही सही,
कई मोड़ आने
अभी बाँकी हैं.
नगमें ना गूँजे
ना सही,
तराने अभी बाँकी हैं.
रातें लंबी और
अंधेरी ही सही,
सवेरे अभी बाँकी हैं.

क्यूंकि,

इस रात की गहन स्याहीयों को,
सुबह की किरणों से
अभी तक मिलवाए नहीं गए.

नलिन कुमार ठाकुर

मैं तेरा ही बालक हूं | Short Hindi Poems

वेंदाश द्वारा लिखी गई यह कविता भगवान श्रीराम को समर्पित है। राम उनके जीवन में अहम स्थान रखते हैं और वह इस भावना को सभी के सामने प्रस्तुत भी करना चाहते हैं।

कर प्रणाम तेरे चरणों में 
मैं तुझको शीश झुकाता हूं
मैं तेरा ही बालक हूं
मैं तुझसे ही हरसाता हूं

तुझसे ही सब नाता है मेरा
तू ही राह दिखाता है
तुझसे ही सब आता है मुझको
और तुझसे ही सब जाता है

ये सारी मेरी खुशियों और ग़म का
तुझसे ही तो नाता है
तू ही जीवन दाता है
और तू ही भाग्य विधाता है

मैं जब जब अकेला पड़ता हूं
मन तुझको ही पास पाता है
घबराहट हो या फिर डर
मन से खुद हट जाता है

मन की सारी उलझनों का
समाधान सदा मिल जाता है
मैं एक कदम बढ़ाता हूं
आगे राह दिखाता ही चला जाता है

अंतर मन ने हम दोनों का
बात सदा हो जाता है
संशय का कोई स्थान नहीं
विश्वास बढ़ता ही चला जाता है

जिस पर कृपा आप करे
उसे आप का दर्शन मिल जाता है
इसीलिए जैसे आप कहे
ये दास वैसे ही करता जाता है

ये जीवन तुझमें कर के समर्पित
मै तुझमें ही खो जाता हूं
मैं तेरा ही बालक हूं
मैं तुझे ही हर्षाता हूं..

Vedansh kesarwani

गांव | Todays Poems in Hindi

बर्तन मिट्टी के घर का समान मिट्टी का
मिट्टी का आंगन, छोटा दालान मिट्टी का...

होते ही सुबह गोमय से लीप देती थीं
कितना रहता था अम्मा को ध्यान मिट्टी का...

बहुत भाती थी जब दुल्हन सी सजा करती थी
एक मिट्टी की गुड़िया, था जिसका अरमान मिट्टी का...

शहर में रहने लगा मैं तो मैल कहने लगा
मुझे तो अच्छा लगता था निशान मिट्टी का...

तुम्हे तो शौक नहीं पर में यूं ही ले आया
लाख की चूड़ियां छोटा सा चुड़ीदान मिट्टी का...

निगम तिवारी

यह तेरा ही दीवाना रहे

यह तेरा ही दीवाना रहे 
तरस रहा हूं, तड़प रहा हूं,
अपने अल्फाज लिए कहीं भटक रहा हूं,
उम्मीद के सागर का गोताखोर बन चुका हूं,
न जाने किस मोड़ पर तू मिल जाए
यही आस लिए बैठा हूं,

सुना है लोगों को कहते,
जिंदगी चार दिन की होती है,
मुझे यकीन नहीं होता,
कि मुझे ऐसा क्यों नहीं लगता

जब कभी चार दिवारी के भीतर बैठता हूं,
तुझे मैं अपने बेहद करीब महसूस करता हूं,
बता दूं तुझे, पहले तुझे बुलानी पड़ती थी,
अब तो तू खुद ही चला आता है, मीठी यादों में,
कि मैं तुझे मिलूंगा यह मेरा यकीन कहता है,

काश यह यकीन सच हो जाए,
मैं रब से यही दुआ करता हूं,
मैं चाहता हूं कि मेरी जिंदगी में सच,
मेरा सहारा रहे,
जीवन के अंतिम पड़ाव तक,
यह तेरा ही दीवाना रहे,
यह तेरा ही दीवाना रहे।

(ज़रूरी नहीं हमें इश्क में बाहो के सहारे ही मिले..
किसी को जी भर के महसूस करना भी मोहब्बत है.. मेरे दोस्त ।)

कविराज-: नीतीश कुमार सिंह

निष्कर्ष

उम्मीद है कि आपको ये सभी कविताएं पसंद आई होगी। चाहें तो आप हमें कमेंट कर फीडबैक दे सकते हैं। अगर आप भी अपनी कविता या रचना हमारी साइट पर पोस्ट कराना चाहते हैं तो आप हमसे जुड़ सकते हैं। यहां क्लिक करके लिंक पर जाकर गूगल फॉम को भरें और इंतजार करें। आप हमारी दूसरी साइट Ratingswala.com को भी विजिट कर सकते है। वहां, मूवी, टेक खबरों के साथ साथ उसकी रिविव पढ़ने को मिलेंगे।

ये भी पढ़ें: 10+ Bhagat Singh Poems in Hindi | भगत सिंह पर कविता

Ranjan Gupta

मैं इस वेबसाइट का ऑनर हूं। कविताएं मेरे शौक का एक हिस्सा है जिसे मैनें 2019 में शुरुआत की थी। अब यह उससे काफी बढ़कर है। आपका सहयोग हमें हमेशा मजबूती देता आया है। गुजारिश है कि इसे बनाए रखे।

1 thought on “आज की कविताएं | Short Hindi Poems | Hindi Kavita”

Leave a Comment