Short Hindi Kavita | Poems in Hindi | Short Poems: देश की माटी और वीर जवानों का एक स्पेशल रिश्ता रहा है। इस देश की माटी के लिए हमारे सैनिक और फौजी अपनी जान तक कुर्बान करने से हिचकिचाते तक नही हैं। एक अलग का बॉन्ड दोनों के बीच निवास करता है जहां वो हर कुछ न्यौछावर करने को तैयार होते हैं। इसी विषय पर हमारे कवियों ने शानदार कविता लिखी है…आइए पढ़ते हैं।
Table of Contents
माटी की सुगंध | Short Hindi Kavita
माटी की सुगंध से भरता है मन,
जैसे सजे सावन में कोई चमन।
धरती की गोद से उठती ये खुशबू,
जीवन का संदेश है, सरल और रुचिकर सुगू।
हल जोतता किसान जब खेतों को,
माटी में बसता है श्रम का मोती।
पग-पग पर गीत सुनाती ये धरती,
माटी में छिपी है प्राणों की ज्योति।
पहली बारिश की वो बूंदें जब गिरतीं,
माटी के संग घुलकर सौंधी महक बनती।
सुख-दुख सहती, सिखाती समर्पण,
माटी है हमारी सच्ची प्रेरणा का कण।
कहाँ खोजोगे अमृत सा ये स्वाद?
माटी की सुगंध है प्रकृति का प्रसाद।
इसमें बसा है जीवन का आधार,
माटी ही तो है हमारी संस्कृति का सार।
Dr. Arti
धूप-छांव का सफर | Poems in Hindi
धूप-छांव का सफर है जिंदगी का नाम,
कभी हँसी के पल, कभी ग़मों का जाम।
हर मोड़ पर बदलते मंजर,
कभी खुशबू, कभी बेनाम।
राहों में बिछे हैं कांटे भी और फूल,
कभी चलें अकेले, कभी साथ मीलों।
सूरज की किरनें कभी तपाए तन,
तो चांदनी रातें भर दें मन।
आसमान भी कभी रोता, कभी हँसता,
बादलों के पीछे छिपा सूरज भी बसता।
सपनों की परतों में बसी एक चाह,
चलते रहना है, यही है राह।
हर ठोकर में छुपा है सबक कोई,
हर अंधेरी रात के बाद सुबह होई।
धूप-छांव के इस अनोखे खेल में,
सच तो यही है, हम जीते हैं मेल में।
तो बढ़ते रहो, चाहे कैसी भी हो डगर,
धूप-छांव का सफर है, यही है जीवन अमर।
Dr. Arti
मन का समंदर | Short Poems
मन का समंदर कितना गहरा,
छिपाए कितने राज सुनहरा।
खुद से बातें करता रहता,
ख्वाबों का हर रंग कहता।
लहरें उठतीं हैं उम्मीदों की,
डूब जातीं हैं इच्छाओं में।
कोई किनारा नहीं दिखता,
इसकी गहराई के छायाओं में।
हर एक बूंद में बसी कहानी,
दर्द, खुशी, और जिंदगानी।
हर लहर एक नया संदेश,
छू ले आसमां का आवेश।
सुनहरी यादें हैं इसकी माला,
दुख भी इसके संग पाला।
हर भाव इसका अनमोल है,
हर छवि में छुपा कोई गोल है।
मन के इस विशाल समंदर को,
कैसे शब्दों में लिख पाएंगे?
यह तो अनंत, यह तो असीम,
खुद में सारी दुनिया समेट पाएंगे।
Dr. Arti
मेरी प्यारी | Short Poems in Hindi
जब तुमने दिल लगाया मुझसे,
सुलगते अंगारों पर, मैंने भी खुद को पाया।
तुम्हारी मोहब्बत की गर्मी से,
हर मुश्किल में मैंने हिम्मत पाया।
सखियों की बातें सुनकर,
मैंने भी सोचा, क्या होगा कल?
पर तुमसे मिली जो सच्चाई,
उसने हर डर को किया हल।
तुम्हारा प्यार, मेरी ताकत है,
तुम्हारे सपनों में बसी है मेरी राह।
सरहद पर जब मैं खड़ा होता,
तुम्हारी यादों से मिलती है मुझे राहत की चाह।
तुम्हारी बिंदिया, मेरे दिल की पहचान,
हर पल तुम्हारे साथ, मैं हूँ तुम्हारा अरमान।
बचपन से जो सपना देखा था,
वो अब हकीकत बन रहा है, मेरी जान।
जब तुम दुल्हन बनोगी,
मेरे संग फेरे लोगी,
उस दिन की कल्पना में,
हर दर्द और दूरी को भुला दूंगा।
तुम्हारी मोहब्बत की छांव में,
मैं हर लड़ाई को जीत जाऊंगा।
तुम मेरी ताकत हो,
तुम्हारे लिए हर मुश्किल से जूझ जाऊंगा।
तुम्हारा फौजी:- Nikk
दिल लगा जब फौजी संग | Hindi Kavita
सुलगती अंगारों पर मैने,
तन - मन जीवन वार दिया।
तुम मेरे देश के रक्षक हो,
इसलिए तुमसे मैने प्यार किया।
सब सखियाँ कहती थी मुझसे,
यह सोच समझ कर फैसला लेना।
सरहद पर एक बार गया जो,
उसका बरसों पड़ता इंतजार करना।
भले ही मैं देश के काम न आँँऊ,
फक्र रहेगा है मेरा प्यार वहांँ।
जरूरी नहीं हो उनका साथ हमेशा।
उनके नाम से दमकेगी माथे पर बिंदिया।
बचपन से था सपना सलोना,
कोई अपना भी हो फौज में मेरा।
यह अवसर कैसे खों दूँ सखियों,
भले ही ना आए बरसों सजना मेरा।
मान भी जाओं प्यारे मम्मी-पापा,
बेटी तुम्हारी सदा सुहागन रहेगी।
मौत से अब तक कौन बचा है,
आज मेरी कल आपकी बारी होगी।
सोचिए वो मंजर कैसा होगा,
जब बन दुल्हन में डोली में बैठूंगी।
एक फौजी संग सात फेरे लेकर,
वीरता की मैं भी मिसाल बनूंगी।
कविराज :- डाॅ. महेश बालपांडे
निष्कर्ष
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