बेटी का सपना | Short Hindi Poem on Daughter’s Dream

By Ranjan Gupta

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Short Hindi Poem on Daughter's Dream

Short Hindi Poem on Daughter’s Dream: आज पूरी दुनिया में बेटियां उन सभी सपनों को पूरा करने की कोशिश कर रही हैं जिन्हें वह रोज देखती है। चाहे वह कोई भी क्षेत्र हो, उनके सपने उन सभी से अछूते नहीं है। एक ऐसा काम नहीं हैं जो आज बेटियां कर रही हैं। जिनको हमेशा इतिहास में पूरा करने की कोशिश प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से किया ही गया है। तो आइए डॉ. आरती जी की एक कविता जिसका शीर्षक है – ‘बेटी का सपना’ पढ़ते हैं।

बेटी का सपना | Short Hindi Poem on Daughter’s Dream

चमके सितारों-सा हर सपना मेरा,
आकाश छूने का अरमान है गहरा।
न कोई बंधन, न कोई रोके,
पंख फैलाकर ऊंचा उड़ने को देखे।

बाबुल की आंखों का तारा हूं मैं,
मां के दिल का सहारा हूं मैं।
क्यों सोचते हो कमजोर हूं मैं,
हर मुश्किल का हल हूं मैं।

खेल-खिलौनों से आगे बढ़ जाऊं,
दुनिया के रंग खुद पर सजाऊं।
बना सकूं अपनी पहचान,
नाम करूं रोशन, हो जाए उड़ान।

गांव हो या शहर, हर कोने में गूंजे,
मेरे हौसलों की कहानी सब सुनें।
हाथ थाम लो, हिम्मत बढ़ाओ,
बेटी हूं, मुझे आगे बढ़ने दो।

Dr. Arti

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Ranjan Gupta

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