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ज़िंदगी और मौत के दरमियान | Hindi poem on life and death | Short Hindi Poetry

By Ranjan Gupta

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Hindi poem on life and death

Hindi poem on life and death, Short Hindi Poetry: ज़िंदगी बहुत अहम है और मौत उतना ही दुखद। हर किसी का जन्म होता है, तो उसे एक दिन मौत के आगोश में जाना ही पड़ता है। पर इस जिंदगी और मौत के बीच के सफर में क्या अहम होता है? हम इसे एक खूबसूरत कविता के माध्यम से जानेंगे जिसका शीर्षक है ‘ज़िंदगी और मौत के दरमियान’ इसे लिखा डॉ. आरती जी ने है।

ज़िंदगी और मौत के दरमियान | Hindi poem on life and death

चलती रही साँसों की डोर,
ज़िंदगी का एक अधूरा शोर।
कभी हँसी, कभी आँसू बहाए,
कभी धूप, कभी छाँव में साए।

हर मोड़ पर एक सवाल मिला,
जवाबों में एक जाल मिला।
कभी उम्मीदों के फूल खिले,
कभी सपनों के पंख जले।

मौत ने चुपके से दस्तक दी,
ज़िंदगी ने फिर भी हिम्मत दी।
“अभी नहीं!” ये कहकर बढ़ी,
हर मुश्किल से टकराकर लड़ी।

लेकिन इक दिन शाम ढल जाएगी,
राह कहीं अनजान जाएगी।
ज़िंदगी थककर रुक जाएगी,
मौत की बाहों में समा जाएगी।

पर जब तक साँसों की ये लड़ाई है,
हर लम्हा जिंदा रहना जरूरी है।
क्योंकि मौत तो बस इक मंज़िल है,
पर ज़िंदगी सफर की कहानी है।

Dr. Arti

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Ranjan Gupta

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