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मोबाइल के इस दौर में | Mobile par Kavita | Poem on Mobile in Hindi

By Ranjan Gupta

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Mobile par Kavita | Poem on Mobile in Hindi

Mobile par Kavita | Poem on Mobile in Hindi: इस आधुनिक दौर में मोबाइल और कंप्यूटर का खूब प्रचलन है। सिवाए इसके, आज हम जीवन संरचना की आधारशिला गढ़ नहीं सकते। इस शोध में मोबाइल एक अद्भूत चमत्कार है। हालांकि, मोबाइल ने न जाने कितने रिश्तों को हमसे अलग कर दिया है। भलें ही मुट्ठी में आज दुनिया हो मगर अपनापन नहीं है। सबकी लाइफ स्टाइल बदल गई है। यह आप पर निर्भर है कि आप इसे किस तरह से उपयोग में लेते हैं अपितु जीवन की एक सच्चाई को आप नजरअंदाज नहीं कर सकते। इस विषय पर हमारे कवि ने एक शानदार कविता लिखी है जिसका शीर्षक है:- मोबाइल के इस दौर में..

Mobile par Kavita | Poem on Mobile in Hindi

मोबाइल के दौर में | Mobile par Kavita

छूट गए साथी जब से आया,
हाथों में सबके मोबाइल।
चुन्नू-मुन्नी, मम्मी-पापा,
सबकी बदल गई स्टाइल।

मिट गई सारी दुरिया पल में,
मुट्ठी में आ गई दुनिया।
मोबाइल देखे बिना अब,
खाना ना खाए छोटी मुनिया।

छूट गया बातचीत का दौर,
अपनापन भी कुछ छूटा।
छूट गई कहानी दादा-दादी की,
आंगन रहने लगा सुना-सुना।

घड़ी, टॉर्च, कैमरा, टी.वी, टीचर, रेडियो,
सब कुछ है इसमें समाया।
एक बार जो फस गया जाल में,
वह निकल के ना बाहर आया।

सबको आज है यह जान से प्यारा,
सब अपनों से ज्यादा रखे इसका ख्याल।
भले ही हो रिश्तों में अनबन,
पर मोबाइल से ना छूटे प्यार।

कवि – महेश बालपांडे

मोबाइल पर व्यंग कविता

शीर्षक: मोबाइल तू बड़ा महान

प्यारे मोबाइल, तू बड़ा महान,
तेरे बिना सब कुछ बेईमान।
सूरज निकले या चांद चमके,
तेरा साथ हर पल दमके।

सुबह की चाय से पहले तुझसे बात,
न्यूजफीड में खो जाती दिन की शुरुआत।
नज़रें तुझ पर, ध्यान कहीं नहीं,
दुनिया हो जाए चाहे धराशाई यहीं।

नोटिफिकेशन की घंटी जैसे सायरन,
हर पल तेरा आना लगे आकर्षण।
बच्चा, बूढ़ा, जवान या मास्टर,
सबके दिल पर तू छा गया है सुपरस्टार।

बोलचाल अब इमोजी से होती,
भावनाएँ GIF में बहती।
शब्दों की जगह चैट में ठहाके,
कभी-कभी दिल में लगा दे झटके।

बैटरी खत्म हो जाए तो आफत बड़ी,
चार्जर ढूंढने में लग जाती घड़ी।
डेटा खत्म हो तो होती है सजा,
ऐसा लगे जैसे जीवन में मजा ही ग़ायब हुआ।

ओ मोबाइल, तू बहुत जरूरी है,
पर क्या तुझसे ही हमारी दूरी है?
कभी किताब, कभी दोस्तों का साथ,
उनकी भी सुन, ये भी है बात।

तो प्यारे मोबाइल, थोड़ा आराम दे,
असल जिंदगी में भी कुछ नाम दे।
हंसी, रिश्ते, और थोड़ी सुकून,
इनसे भी भर जाए ये दिल का जुनून।

मोबाइल पर हास्य कविता

शीर्षक: मोबाइल महाराज

मोबाइल महाराज का ज़माना है,
हर हाथ में इनका ठिकाना है।
सुबह-शाम इनसे ही नाता है,
हर गम-खुशी का यही बहाना है।

चाय के साथ यह न्यूज़ दिखाए,
मैच हो लाइव तो हमें जुटाए।
वीडियो कॉल से मिले अपनों से,
वॉट्सऐप पर जोक्स भी सुनाए।

खेल-खिलौने इसके बटन दबाओ,
रातों को जागो, दिन में झपकाओ।
मम्मी का डांटना, पापा की फटकार,
“ये मोबाइल छोड़, पढ़ाई कर यार!”

लेकिन मोबाइल भी कमाल है,
कभी सर्च में ज्ञान का भंडार है।
फिर भी, मत भूलो असली जीवन को,
वरना मोबाइल बनेगा नुकसान का द्वार है।

तो चलो, इसे सही जगह पर रखो,
जीवन में संतुलन का पाठ पढ़ो।
मोबाइल से लाभ भी बहुत मिलेंगे,
बस इसके गुलाम न तुम बनेंगे।

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Ranjan Gupta

मैं इस वेबसाइट का ऑनर हूं। कविताएं मेरे शौक का एक हिस्सा है जिसे मैनें 2019 में शुरुआत की थी। अब यह उससे काफी बढ़कर है। आपका सहयोग हमें हमेशा मजबूती देता आया है। गुजारिश है कि इसे बनाए रखे।

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