Separation in love poem in hindi: प्यार में अपने प्रेमी से जुदा होना किसी के लिए भी आसान नहीं होता है। यूं कहें तो अलविदा कहने का तनिक भी मन नहीं करता। हालांकि, परिस्थितियां कभी कभार ऐसी हो जाती है जिसकी वजह से यह मुश्किल फैसला भी लेना पड़ जाता है। इसी संदर्भ में हमारे कवि ज्योति खारी जी ने भी एक कविता लिखी है।
यह कविता श्रृंगार रस की है और इसमें प्रेम में विरह की वेदना का प्रदर्शन किया गया है जिस प्रकार जमीं और आसमां का मिल पाना मुमकिन नहीं ठीक उसी प्रकार यहां पर अलविदा होने का कथन कहा गया है।
अलविदा हो गए | Separation in love poem in hindi
हमेशा हमेशा के लिए जुदा हो गए
कुछ यूँ वो जिंदगी से अलविदा हो गए।
कल और आज में हमारी दुनिया बदल गयी
और हम मोहब्बत में फ़ना हो गए।
तुम सिर्फ़ सामने थे ज़िंदगी में नहीं
आज हमेशा के लिए लापता हो गए।
हमारे ज़ख़्मों को मरहम की ज़रूरत है
ये ज़ख्म हमारे संजीदा हो गए।
तुमसे बिछड़कर हम खुद से यूँ बिछड़ गए
की खुद को ही पहचानना ज़रा मुश्किल हो गया
हमारे दिल में बसे दर्द अब ज़रा गमज़दा हो गए।
तुम्हें जब कोई मिलेगा तुम्हारी तरह…
तब एहसास होगा गम- ए -जुदाई का-
की मोहब्बत में लोग कैसे गुमशुदा हो गए।
जहाँ हमारी ज़िंदगी मुस्कुराती थी
आज खाली मोहब्बत के वो मकां हो गए।
अब जिंदगी तुम्हारे संग नहीं
तुम्हारी यादों में गुजरती है
वो प्यार के लम्हें अब सिर्फ़ निशां हो गए।
जो कभी मिल ही न सकें
कुछ इस तरह हम जमीं और तुम आसमां हो गए।
हमेशा हमेशा के लिए जुदा हो गए
कुछ यूँ वो ज़िंदगी से अलविदा हो गए।।
-ज्योति खारी
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