कविता | Hindi Poem on Relationship and Love : नाज था मुझे, नवाज़िश नहीं : प्यार का छूट जाना बहुत ही मुश्किल एहसास है। प्यार के जाने के बाद दर्द से गुजरना पड़ता है। उससे भी मुश्किल यह मानना है कि वो कभी प्यार में थे को अब नहीं रहा। कभी-कभी यह किसी के लिए आसान हो जाता है लेकिन जो सच्चे मन से दिलो जान से प्यार कर रहे होते हैं, उनके लिए यह कभी आसान नहीं होता। वह इतना मुश्किल होता है कि उसे समझ पाना ही कठिन सा लगता है।
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इस लेख (Hindi Poem on Relationship and Love) में हम आपके लिए एक ऐसी कविता लाए हैं जिसमें सभी तरह की भावनाएं जुड़ी हुई हैं। इसमें आपको प्यार भी दिखेगा, ब्रेकअप का दर्द, लॉन्ग डिस्टेंस का इश्क इत्यादी दिखाई देगा। बिना किसी देर के चलिए लेख को शुरु करते हैं..
नाज था मुझे, नवाज़िश नहीं
मैं दर्द में हूं, दर्द
मुझमें नहीं
मुझमें नहीं
जख़्म उसके हैं, उसने दी नहीं
मै उसका हूं पर वो मेरी नहीं
ये बात मेरे लिए हो रही, पर
मेरी नही
मेरी नही
मैं प्यार में था, शायद
अब हूं नहीं
अब हूं नहीं
चाहत उसे भी थी, पर उसकी नहीं
कभी खामोशी की आवाज थी वो
तुमने सुना होगा, मगर मैनें सुना नहीं
तुम रास्ता थी, अड़चन नहीं
जवाब थी, बेतुके सवाल नहीं
नाज था मुझे, नवाज़िश (मेहरबानी) नहीं
इंतजार अब भी है, तुझ जैसा कोई है नहीं
मै अकेला हूं, ये
रात अकेली नही
रात अकेली नही
रातें फिर भी कट जाती हैं, जीवन नहीं
शायद जाना था इसलिए चली गई
हां पागल हूं मै, पर
किसी और के लिए नही
किसी और के लिए नही
:- रंजन गुप्ता
Naaj thaa mujhe, navaazish nahiin
main dard men huun, dard mujhamen nahiin
jakham usake hain, usane dii nahiin
mai usakaa huun par vo merii nahiin
ye baat mere lie ho rahii, par merii nahii
main pyaar men thaa, shaayad ab huun nahiin
chaahat use bhii thii, par usakii nahiin
kabhii khaamoshii kii aavaaj thii vo
tumane sunaa hogaa, magar mainen sunaa nahiin
tum raastaa thii, adachan nahiin
javaab thii, betuke savaal nahiin
naaj thaa mujhe, navaazish (meharabaanii) nahiin
intajaar ab bhii hai, tujh jaisaa koii hai nahiin
mai akelaa huun, ye raat akelii nahii
raaten phir bhii kaṭ jaatii hain, jiivan nahiin
shaayad jaanaa thaa isalie chalii gaii
haan paagal huun mai, par kisii owr ke lie nahii
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