Short Poem on Complicated life in Hindi: नमस्कार दोस्तों! हमारे ब्लॉग में आप सभी का स्वागत है। हम यहां रोज किसी न किसी विषय पर बेहतरीन हिंदी कविता लेकर आते रहते हैं। इस लेख में भी हम शानदार कविता को पढ़ेंगे। यहां हमने Short Poem on Complicated life विषय पर कविता लिखी है। अगर आपको पसंद आए तो आप हमें कमेंट कर जरूत बताएं। वहीं, अगर आप भी अपनी रचना भेजना चाहते हैं तो आप हमें भेज सकते हैं। आइए कविता पढ़ते हैं..
Short Poem on Complicated life in Hindi
पता नहीं ये खामोसी कब टूटेगी
आवाजें आएंगी या वक्त के साथ भूल जाएगी
मुक्त होने का कसर सिर्फ़ मैं हरगिज़ नहीं
बोल दो वरना मुफ़्त में हमारी चर्चाएं बढ़ जाएगी।
फिजूल में चर्चाएं शोभनीय नहीं
बुझती अग्नि को शीतल प्यारा नहीं
तुम्हारा इरादा क्या है, कब से है
अब ऐसे प्रश्न का कोई मतलब नहीं।
ये हमारे अस्तित्व का मेल है
या तो सच है या खेल है
ग़र जिंदगी की सलाखें सबके लिए है
तो उन कैदी के भी अपने-अपने जेल हैं।
रंजन गुप्ता
उम्मीद है कि आपको Short Poem on Complicated life in Hindi कविता पसंद आई होगी। चाहें तो आप हमें कमेंट कर फीडबैक दे सकते हैं। अगर आप भी अपनी कविता या रचना हमारी साइट पर पोस्ट कराना चाहते हैं तो आप हमसे जुड़ सकते हैं। यहां क्लिक करके लिंक पर जाकर गूगल फॉम को भरें और इंतजार करें। आप हमारी दूसरी साइट Ratingswala.com को भी विजिट कर सकते है। वहां, मूवी, टेक खबरों के साथ साथ उसकी रिविव पढ़ने को मिलेंगे।
ये भी पढ़ें: कविता | Hindi Poem on Relationship and Love | नाज था मुझे, नवाज़िश नहीं
Read More: ज़िंदगी और मौत के दरमियान | Hindi poem on life and death | Short Hindi Poetry
Good