Incomplete love-story in hindi |
कहानी अधूरी है | Incomplete love-story in hindi
पराए के रूठ जाने का गम
मेरे ख़ुद के रूठ जाने से कम है
जब भीड़ से अनसुनी अवाजे उठेंगी
तब पता चलेगा किसमे कितना दम है।
स्वयं को झोकना बंद करो
जाने वाले को रोकना बंद करो
धीरे धीरे ही सही तेरा इरादा बदलेगा
आज नहीं तो कल ये मौसम भी बदलेगा।
सफ़र गुमनामी का मिटना ही है
रोज़–रोज़ का आलम कहीं तो सिमटना ही है
मानसिक गलियों की रुकावटें नही बनना चाहता
मोड़ बना दे, पर चौराहा नही बनना चाहता।
समर्पण आज ख़ुद के लिए ज़रूरी है
मुकम्मल हो या कहानी अधूरी है
वक्त और पैसे सफ़र पर लगाओ
सोच लो कि हमसफ़र की कोई मज़बूरी है।
~ रंजन गुप्ता
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