ज़रूरत है ऐसे ज़िक्र की | Love poetry in hindi for GF

By Ranjan Gupta

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ज़रूरत है ऐसे ज़िक्र की | Love poetry in hindi for GF
Love poetry in hindi for GF – Poems Wala 

 Love poetry in hindi 

बगैर बातों का उलझ पड़ा तुमसे
चाहते नहीं थे, पर ये हुआ हमसे
ख़फ़ा हो, रूठने का बहाना ही सही
मोहब्बत की ये अदा भी जुड़ी है तुमसे।

                                                                   आप अज़ीज़ हैं
अमानत हैं किसी शरीर की
मुझे अदब भी है और फ़क्र भी
आपको ज़रूरत है ऐसे ज़िक्र की।

जिंदगी के उतार चढ़ाव में 
किसी का कोई हक़ नहीं
आप मुझे आजमाए, 
इसका ये सही वक्त नहीं।

ऐसा कई बार हुआ है, हैं न ?
बस मौन रहना ठीक नहीं 
 इस कृत्य का कोई तबदीर नहीं
बातों में ही सही, मुस्कान रहे हमेशा
और किसी चीज़ का मैं तलबगार नही।

: रंजन गुप्ता

Thank You So Much For Reading This poem. I’m waiting for your valuable comment

Ranjan Gupta

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