Short Desh Bhakti Poem in Hindi | भारत का वीर पुत्र : भारत माँ, एक ऐसा देश जिसकी मिट्टी में त्याग, बलिदान और प्रेम समाया हुआ है। सदियों से इस देश ने दुनिया को कई महान व्यक्तित्व दिए हैं। इन महान व्यक्तित्वों ने अपनी कविताओं के माध्यम से भारत माँ के प्रति अपना अगाध प्रेम व्यक्त किया है। देशभक्ति की कविताएँ न सिर्फ हमारे दिलों को छूती हैं बल्कि हमें देश के प्रति जागरूक भी करती हैं।
यह कविता शैलेश त्रिपाठी द्वारा लिखी गई है। यह उनकी स्वयं की कविता है, ऐसा वह दावा करते हैं। कविता अच्छी लगी हो तो आप कमेंट कर बता सकते हैं। इसे अपने दोस्तों के साथ साझा भी कर सकते हैं।
भारत का वीर पुत्र | Short Desh Bhakti Poem in Hindi
मुगलों का, आफगानों का,
आतंक काफी बढ़ रहा था,
समाज पर कलंक लग रहा था,
प्रजा पर अत्याचार बढ़ रहा था । १ ॥
मर्यादा तो सबने लांघ दी,
मान-सम्मान की बात अलग,
अपनों ने ही किया विश्वासघात,
औरों की तो बात अलग ।।२ ॥
आहुति देने को तयार खड़ा यौवन था,
जौहर करना तो अभी बाकी था,
ढल रहा अभिमान का सूर्य था,
इतिहास नया रचना बाकी था ।।३ ॥
जिसका घोड़ा बड़ा स्वाभिमानी था,
मेवाड़ की धरती से आया वह फरिशता था,
जिसे अकबर कभी ना हरा सका था,
वही भारत का वीरपुत्र,
महाराणा प्रताप था ।।४ ॥
-शैलेश त्रिपाठी
कवि के बारे में…
मैं शैलेश त्रिपाठी हूँ और मुझे हिंदी साहित्य से बहुत लगाव है। मैं मुंबई से हूँ लेकिन मेरा होमटाउन मध्य प्रदेश है। मुझे किताबें, पत्रिकाएँ, कविताएँ और उपन्यास पढ़ना पसंद है, खासकर हिंदी में लिखी गई कविताएँ। मैं एक अनौपचारिक हिंदी कवि हूँ जो हिंदी कविताएँ, तुकबंदियाँ आदि लिखता हूँ। मुझे उम्मीद है कि पोएम्स वाला इसमें मेरी मदद ज़रूर करेगा।
ये भी पढ़ें:
Maa par kavita | मां पर बेस्ट कविताएं | Mother’s Day 2024 Poem in Hindi
1 thought on “Short Desh Bhakti Poem in Hindi | भारत का वीर पुत्र | शैलेश त्रिपाठी की कविता”