Lord Krishna Poem in Hindi, Krishna par Kavita: भगवान श्रीकृष्ण हिंदू धर्म के प्रमुख देवताओं में से एक हैं। वे विष्णु के आठवें अवतार माने जाते हैं और उन्हें प्रेम, करुणा, नीति, और धर्म के रक्षक के रूप में पूजा जाता है। उनका जीवन अद्भुत लीलाओं से भरा हुआ है, जो भक्तों के लिए मार्गदर्शक का कार्य करती हैं। आज इस लेख में हम Lord Krishna Poem in Hindi | Krishna par Kavita | कृष्ण पर कविता के बारे में पढ़ेंगे।
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वृंदावन | Krishna par Kavita
ब्रज के केन्द्र में स्थित वृन्दावन, जोकि मथुरा से 15 किमी की दूरी पर है, ब्रज क्षेत्र का एक प्राचीन तीर्थ स्थल है। यह तीर्थ स्थल भगवान श्रीकृष्ण की लीला-स्थली रहा है। यहाँ पर श्री कृष्ण और श्री राधारानी के कई सुन्दर मन्दिर हैं- विशेषकर श्री बांके विहारी जी का मंदिर व राधावल्लभ लाल जी का मंदिर।
वृंदावन
वृंदावन की गलियों में आज भी,
प्यार की बंसी बजती है।
हर नर बन जाता किशन कन्हैया,
राधा रानी हर नारी में दिखती हैं।
वृंदावन है तो समर्पण है,
वृंदावन है तो राधा है।
वृंदावन है तो कान्हा है,
वृंदावन है तो सब आना-जाना है।
वृंदावन है तो त्याग है,
वृंदावन है तो तप है।
वृंदावन है तो गिरधर नागर है,
वृंदावन है तो सब सुख सागर है।
वृंदावन है तो सत्य है,
वृंदावन है तो खुशियाँ है।
वृंदावन है तो मनोहर है,
वृंदावन है तो सब सुंदर है।
मीरा ने भी भक्ति की अलख जगा कर,
रसखान संग कृष्ण की प्रीत निभाई है।
बेशक तुम ना निभाओं रीत प्यार की,
वृदांवन की महिमा निराली है।
वृंदावन है तो ग्वाला है,
वृंदावन है तो नंदलाला है।
वृंदावन है तो श्याम सलोना है,
वृंदावन है तो सब माया है।
वृंदावन है तो गायें है,
वृंदावन है तो कृष्ण सखाएँ है।
वृंदावन है तो माखनचोर है,
वृंदावन है तो सब मनभावन है।
वृंदावन है तो सूरज है,
वृंदावन है तो अंबर है।
वृंदावन है तो घनश्याम है,
वृंदावन है तो सब हरिजण है।
प्यार का अलख जगाने कान्हा,
हर युग में आते रहते हैं।
राधा वृंदावन में बन बावरी,
कृष्ण संग रास रचाती है।
वृंदावन है तो करुणा है,
वृंदावन है तो वात्सल्य है।
वृंदावन है तो रणछोड है,
वृंदावन है तो सब शाश्वत है।
वृंदावन है तो यारी है,
वृंदावन है तो जमुना प्यारी है।
वृंदावन है तो कुंजबिहारी है,
वृंदावन है तो सब सुहावन है।
वृंदावन है तो धरती है,
वृंदावन है तो सावन है।
वृंदावन है तो बांसुरीवाला है,
वृंदावन है तो सब जग प्यारा है।
राधे-श्याम की प्रेम कथा आज भी,
दुनिया समझ नहीं पाई है।
बदनाम तो लोगों ने मीरा को भी किया,
जब बंसी की धुन पर वो दौड़ी आई है।
वृंदावन है तो चंदा है,
वृंदावन है तो सितारे है।
वृंदावन है तो गोविंद है,
वृंदावन है तो सब अर्पण है।
वृंदावन है तो गोप कुमारी है,
वृंदावन है तो सुदामा है।
वृंदावन है तो माधव है,
वृंदावन है तो सब आनंद है।
वृंदावन है तो गीता है,
वृंदावन है तो द्वारिका है।
वृंदावन है तो गोपाल है,
वृंदावन है तो सब तीर्थदर्शन है।
– डॉ. महेश बालपांडे
साँवला रंग | Lord Krishna Poem in Hindi
भगवान कृष्ण को सांवला या श्यामवर्णी माना जाता है, लेकिन उन्हें नीले रंग में भी दिखाया गया है। ऐसी मान्यता है कि भगवान कृष्ण का रंग श्याम रंग अर्थात कुछ-कुछ काला और कुछ-कुछ नीला। मतलब काले जैसा नीला। जैसा सूर्यास्त के बाद जब दिन अस्त होने वाला रहता है तो आसमान का रंग काले जैसा नीला हो जाता है।
सांँवला सलोना कान्हा सबके मन भाए,
बेटी सांँवली क्यों ना सबको रास आए।
सांँवले मेघ भी घीर के जब आए,
प्यासी यह धरती खिल- खील जाए।
सांँवली ये धरा जब- जब हर्षाएंँ,
हरे भरे सपने पग- पग लहराएँ।
सृष्टि का पालनहार मेरा त्रिपुरारी,
साँवली भस्म अपने तन पर रमाएँ
रंग रूप की नहीं बात प्यारे,
दिल हो साधा भोला- भाला।
सांँवली सूरत वालों ने लाला,
जगत में किया है उजियारां।
जिसने धरा को संभाला,
साँवली भुजाओं से अपनी।
उस मांँ काली को पूजे जग सारा,
फिर सांँवली बिटिया से कैसी रुसवाई।
रंग साँवला हो या गोरा हो,
बेटी से रहती घर में खुशियाली।
बड़ी किस्मत वाले होते हैं वे,
जिनके यहांँ आती है जग पालन हारी।
साँवले- गोरे का ना भेद यहांँ हो,
दिल की खूबसूरती होती है भारी।
धरा का धरा सब यही रह जाएगा,
अंत में पड़ी रहेगी सांँवली राख की ढेरी।
– डॉ. महेश बालपांडे
फिर कोई कृष्ण सा ग्वाला हो
कृष्ण को एक ग्वाले के रूप में देखा जाता है। सामान्य रूप से महान, तपस्वी योगियों को ही दिव्य माना गया है, या फिर राजाओं को, लेकिन यहाँ एक चरवाहा है जो सामाजिक रूप से एकदम निचले स्तर पर है। यही गोपाल हैं।
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फिर कोई कृष्ण सा ग्वाला हो
फिर कोई कृष्ण सा ग्वाला हो,
फिर मीराँ फिर प्याला हो।
फिर चिड़िया कोई खेत चुगे,
फिर नानक रखवाला हो।
फिर सधे पाँव कोई घर छोड़ें,
फिर रस्ता गौतम वाला हो।
फिर मरियम की कोख भरे,
फिर सूली चढ़ने वाला हो।
हम घर छोड़ें या फूँक भी दें,
जब साथ कबीरा वाला हो।
– राजेश चड्ढा
कृष्ण | Hindi Lord Krishna Poems
एक गीता भर नहीं व्यक्तित्व जिसका,
भागवत से भी बड़ा है कृष्ण॥
वेद कहते नेति, श्रुतियां मौन रहती,
अमृत का कंचन घड़ा है कृष्ण॥
चीखता कुरुक्षेत्र घायल कह रहा है,
नीति के रथ पै चढ़ा है कृष्ण॥
विश्व का विष आचमन कर श्याम है जो,
नाग के फन पर खड़ा है कृष्ण॥
एक हीरा मां यशोदा के हृदय का,
गोपियों की नथ जड़ा है कृष्ण॥
मात्र ब्रजबाला नहीं, मुनि व्यास जैसे,
पूंछते किसने गढ़ा है कृष्ण॥
शोधता ब्रह्माण्ड जिसको युग युगों से,
गोपियों के पद-तल पड़ा है कृष्ण॥
– विष्णु विराट
वह तो कृष्ण हैं | Hindi poem on Lord Krishna
जिसके मात्र स्मरण से ही हर संताप बिसर जाता है
वह तो केवल एक कृष्ण हैं!
जिसकी स्वप्न झलक पाते ही
हर आकर्षण बिखर जाता है
जो सबके दुःख का साथी है
सबका पालक, जनक, संहर्ता
वह तो केवल एक कृष्ण हैं!
साक्षी सबके पाप पुण्य का,
न्यायमूर्ति सृष्टि का भरता,
वह अवतार प्रेम का मधु का,
अनघ, शोक मोह का हरता
वह तो केवल एक कृष्ण हैं!
– मंजुला सक्सेना
निष्कर्ष
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