Best Poems on Childhood in Hindi: बचपन हमारे जीवन का सबसे खूबसूरत पल होता है, जो कभी लौट कर नहीं आता है। हर किसी का अपना बचपन होता है और उस बचपन की यादें भी होती हैं। ऐसी ही कई यादें मेरी भी हैं और आपकी भी। बचपन में हम ये सोंचते है कि जल्दी बड़े हो जाएं…और जब बड़े हो जाने का एहसास होता है तो, हमारा बचपन बेहद याद आता है। बचपन से जुड़ी हर किसी की न जानें कितनी यादें होती है… जो बस याद ही कर सकते हैं, बचपन का वो अल्हड़पन याद करके आज भी आंखें नम हो जाती हैं।
वो बचपन छूट गया | Best Poems on Childhood in Hindi
माटी के थे सारे खिलौने,
माटी में ही होता था खेल,
एक दुजे के कपडों को पकडकर,
चलती थी हम सब की रेल।
माँ की उंगली थामें हम,
दुनिया की करते थे सैर।
पिता के कांधो पर बैठकर,
घुमते थे बनके,बब्बर शेर।
दूध गोलियाँ पाँच पैसों वाली,
मन को खूब भाँती थी।
अपनापन था सब में और,
चारों ओंर खुशहाली थी।
किराए की साइकिल चलाकर,
दोस्तों के संग खेला करते थे।
गिरते थे फिर संभलते थे,
फिर भी यारों के दिल में रहते थे।
घडी नही थी पास हमारे,
पर समय की ना, थी कोई कमी।
यह जीवन था दोस्तों को समर्पित,
मुट्ठी में आसमां, पैरों तलें थी जमीं।
छल ना था बातों में फिर भी,
नौटंकी थी बड़ी भरी।
आज हम क्यों हो गए बड़े?
यह बात है दिल को बड़ी खली।
कविराज :- महेश®बालपांडे
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