संतता की ओर | Powerful Poems for Women

By Ranjan Gupta

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Powerful Poems for Women

Powerful Poems for Women: महिलाओं का सम्मान आज के लिए काफी जरुरी पहलू है जिसे हर समाज और देश को सोचना चाहिए। आज नारी पर एक शानदार कविता लेकर आए हैं जो आपको पसंद आएगी।

कबीर, नागिन के तो दोये फन, नारी के फन बीस
जाका डसा ना फिर जीये, मरि है बिसबा बीस।

कबीर, कामिनि सुन्दर सर्पिनी, जो छेरै तिहि खाये जो हरि चरनन राखिया, तिनके निकट ना जाये।

कबीर, कामिनि काली नागिनि, तीनो लोक मंझार
राम सनेही उबरै, विषयी खाये झार।

_कबीरदास

(जब मन में नारी-नर का भेद ही नहीं मिट रहा,
तो संत कैसे हो सकता है, संभवतः संत नहीं हो सकता,
हो कुछ भी चाहें, मन का मैल नहीं धुलता, तो संतता कैसे मिले?

मन के मंदिर में नारी-नर की मूर्ति खड़ी है,
भेदभाव का पर्दा डाला, सच्चाई को छुपाया है,
संतता की ओर कदम बढ़ाना है, तो पहले मन को साफ करो,
नारी-नर का भेद मिटाओ, तभी संतता का द्वार खुलेगा..

नारी-नर का भेद, मन की कल्पना है,
सच्चाई को ढंकने का पर्दा है,
इसे मिटाना है, तो सच्चाई को देखो,
नारी-नर एक समान है,
यही है सत् का रूप-महान..)

in Hinglish

kabiir, naagin ke to doye phan, naarii ke phan biis
jaakaa ḍasaa naa phir jiiye, mari hai bisabaa biisa.

kabiir, kaamini sundar sarpinii, jo chherai tihi khaaye jo hari charanan raakhiyaa, tinake nikaṭ naa jaaye.

kabiir, kaamini kaalii naagini, tiino lok manjhaar
raam sanehii ubarai, vishayii khaaye jhaara.

_kabiiradaas

(jab man men naarii-nar kaa bhed hii nahiin miṭ rahaa,
to sant kaise ho sakataa hai, sambhavatah sant nahiin ho sakataa,
ho kuchh bhii chaahen, man kaa mail nahiin dhulataa, to santataa kaise mile?

man ke mandir men naarii-nar kii muurti khadii hai,
bhedabhaav kaa pardaa ḍaalaa, sachchaaii ko chhupaayaa hai,
santataa kii or kadam badhaanaa hai, to pahale man ko saaph karo,
naarii-nar kaa bhed miṭaao, tabhii santataa kaa dvaar khulegaa..

naarii-nar kaa bhed, man kii kalpanaa hai,
sachchaaii ko ḍhankane kaa pardaa hai,
ise miṭaanaa hai, to sachchaaii ko dekho,
naarii-nar ek samaan hai,
yahii hai sat kaa ruup-mahaana..)

Ranjan Gupta

मैं इस वेबसाइट का ऑनर हूं। कविताएं मेरे शौक का एक हिस्सा है जिसे मैनें 2019 में शुरुआत की थी। अब यह उससे काफी बढ़कर है। आपका सहयोग हमें हमेशा मजबूती देता आया है। गुजारिश है कि इसे बनाए रखे।

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