One sided love poem hindi |
One sided love poem hindi
एक वो भी वक्त था
जब मुस्कुराने से दिन ढलते थे
कहने को कुछ न था मगर
बात पूरी करते थे
रिश्ते, फरिश्ते सब वहीं थे
प्रेम के प्रसंग वही थे
बदला था तो ये मौसम_ए_मिज़ाज
क्योंकि जमाने का रंग तो वही थे
इससे पहले की किसी का सहारा न मिले
मैं तेरे साथ हूँ, जब तक मेरे जैसा न मिले
क्या हुआ ? कभी बातें न कही किसी से
करते थे इंतजार हम भी बे’दिली से
उतना कमाए ही नही जितना लूट चुके है
यूहीं नही रहती शिकायत ज़िन्दगी से।
> रंजन गुप्ता
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Wow nice 😊😯😯
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Thanx