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क्योंकि ये हमारे वश की नहीं | hindi kavita on love
बेखबर हैं हम न जाने इसकी अंत कहां होगीकिस मोड़ पे होगी किस जहां में होगीपर इतना तो नासमझ हैं कि इस पल में भीचाहा अनचाहा मंसूबों की बरसात होगी।चाहत की इस आगोस मेंन जाने कितने लोग सफलता पाए हैकुछ ने रोया है तो कईयों ने खून बहाए है,कर ले वसूल ए जिंदगी आज तुम्हारे पास भी मौका है,
वरना इससे अच्छा मौका मुझे कहा मिलता तुझे निहारने की,जिसके पास आज धोखा ही धोखा है।एक समय था जब मुझे प्यार हुआ थाकह नही पाता था पर दिल बेकरार थाप्यार में कइयो को बर्बाद होते देखा और सुना थापर फिर भी मुझे एक बार तो दिल लगाना ही था।लोग ईश्क के जाम में सोड़ा और बर्फ मिलाते हैंमुझे तो खालिस ही भाएगीसोचा नहीं था कभी इन दोस्तों की मजलिस मेंमासूम सी मुस्कान इतना कहर ढाएगी।सुंदरियों के सम्मुख आना मुझे आज भी अवाक कर जायेगी।हास्प्रद सी लगती है ये बाते सोचकर की मै कहां हूकिस मोड़ पे हूं, किस राह पे हूं, किस जहां में हूं,
क्या वहां हूं जहां तुम नहीं चाहती,
या वहां जहां हम होना नहीं चाहते
फिर भी रहते है क्योंकि ये हमारे वश की नहीं है।
कर लेंगे वो सारी बातें जो हमने नही की
कारण कुछ भी हो सुलझा लेंगे फ़िर कभी
मैंने सोचा न था इस कदर बदल जाओगे
अपनी ही प्यार को भुला जाओगे।
~रंजन गुप्ता
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वाह! बबुआ, भावुक कर दिए