क्योंकि ये हमारे वश की नहीं | hindi kavita on love

By Ranjan Gupta

Published on:

Follow Us
hindi kavita on love
Poems wala

क्योंकि ये हमारे वश की नहीं | hindi kavita on love

बेखबर हैं हम न जाने इसकी अंत कहां होगी
किस मोड़ पे होगी किस जहां में होगी
पर इतना तो नासमझ हैं कि इस पल में भी
चाहा अनचाहा मंसूबों की बरसात होगी।

चाहत की इस आगोस में
न जाने कितने लोग सफलता पाए है 
कुछ ने रोया है तो कईयों ने खून बहाए है,
कर ले वसूल ए जिंदगी आज तुम्हारे पास भी मौका है,
वरना इससे अच्छा मौका मुझे कहा मिलता तुझे निहारने की, 
जिसके पास आज धोखा ही धोखा है।

एक समय था जब मुझे प्यार हुआ था
कह नही पाता था पर दिल बेकरार था 
प्यार में कइयो को बर्बाद होते देखा और सुना था
पर फिर भी मुझे एक बार तो दिल लगाना ही था।

लोग ईश्क के जाम में सोड़ा और बर्फ मिलाते हैं
मुझे तो खालिस ही भाएगी
सोचा नहीं था कभी इन दोस्तों की मजलिस में
मासूम सी मुस्कान इतना कहर ढाएगी।
सुंदरियों के सम्मुख आना मुझे आज भी अवाक कर जायेगी।

हास्प्रद सी लगती है ये बाते सोचकर की मै कहां हू
किस मोड़ पे हूं, किस राह पे हूं, किस जहां में हूं,
क्या वहां हूं जहां तुम नहीं चाहती, 
या वहां जहां हम होना नहीं चाहते 
फिर भी रहते है क्योंकि ये हमारे वश की नहीं है।

कर लेंगे वो सारी बातें जो हमने नही की 
कारण कुछ भी हो सुलझा लेंगे फ़िर कभी
मैंने सोचा न था इस कदर बदल जाओगे
अपनी ही प्यार को भुला जाओगे।
                          
          ~रंजन गुप्ता

ये भी पढ़ें : कविता | Hindi Poem on Relationship and Love | नाज था मुझे, नवाज़िश नहीं

Thank You So Much For Reading This poem. I’m waiting for your valuable comment

Ranjan Gupta

मैं इस वेबसाइट का ऑनर हूं। कविताएं मेरे शौक का एक हिस्सा है जिसे मैनें 2019 में शुरुआत की थी। अब यह उससे काफी बढ़कर है। आपका सहयोग हमें हमेशा मजबूती देता आया है। गुजारिश है कि इसे बनाए रखे।

0 thoughts on “क्योंकि ये हमारे वश की नहीं | hindi kavita on love”

Leave a Comment