Hindi Poem on Chhatrapati Shivaji Maharaj: भारत के वीर सपूतों में से एक श्रीमंत छत्रपति शिवाजी महाराज के बारे में सभी लोग जानते हैं। बहुत से लोग इन्हें हिंदू हृदय सम्राट कहते हैं तो कुछ लोग इन्हें मराठा गौरव कहते हैं जबकि वे भारतीय गणराज्य के महानायक थे। उनकी महान गाथा के बारे में कई लोगों ने लिखा है। जितना भी लिखों उनके बारे में कम है। उनके बारे में हमारे कवि महेश बालपांडे जी ने भी एक कविता लिखी है। आइए पढ़ते हैं..
छत्रपति शिवाजी राजे | Hindi Poem on Chhatrapati Shivaji Maharaj
वीर शिवाजी की गाथाएंँ,
सब जन-मन गाता है।
उदित हुआ सौभाग्य हमारा,
इस धरा पर हम जन्में,
जिसका छत्रपति से नाता है।
19 फरवरी शुभ दिन यह,
हर्षित तन-मन करता है।
गढ़ शिवनेरी पर शिवबा ने,
जन्म लेकर माँ जिजाऊ का,
मान व गौंरव बढ़ाया है।
पिता शाहाजी के आदर्शों पर चलकर,
प्रण हिंदवी स्वराज का, साकार किया।
मुट्ठी भर मर्द मराठों को लेकर,
मुगलों का नशा चकनाचूर किया।
वीरता-बुद्धि के प्रतीक,
मांँ भवानी का आशीर्वाद लिए,
प्रजावत्सल, प्रजा प्राण बने शिवबा,
हर-हर महादेव का नाम लिए।
खौंफ था शिवा नाम का इतना,
दुश्मन थर्रा जाता था।
ख्वाबों में भी आदिल शाह,
पसीना-पसीना हो जाता था।
शत्रु हरदम कोशिश करते,
पर शिवबा को हरा नहीं पाते थे।
भगवे की छत्रछाया में जब,
वे सिंह की भांति गरजते थे।
यह पावन महाराष्ट्र भूमि हमारी,
गाएँ शिवबा की धर्म,न्याय की गाथा।
दक्षिण वाले यहीं वीर शिवा है,
जो पर नारी को भी, कहते थे माता…।
उजड गए राजें-रजवाडें,
सब राज-पाठ माटी मोल हुएँ।
सच्चे एक शिवबा हमारे,
घर-घर जो, आज भी पूजें जाएँ।
जिसने प्यार -वफ़ा की,
उनको मान और सम्मान दिया।
दगाबाज अफजल खान को मारकर,
मातृभूमि को प्रणाम किया।
सात समंदर पार आज भी,
शिवबा का गौरव गूंँजता है।
ना जाति-धर्म का भेद यहांँ कोई,
हर दिलों का शिवाजी से नाता है।
कविराज :- महेश बालपांडे
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