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ये दौर भी आ चला है | Jab we met poem in hindi

By Ranjan Gupta

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Jab we met poem in hindi

Jab we met poem in hindi: नमस्कार, हमारे ब्लॉग के एक नए पोस्ट में आप सभी का स्वागत है। आज हम आपके लिए लेकर आए हैं एक ऐसी कविता जो प्यार पर आधारित है। हम रोज ऐसी ही कविता लेकर आते रहते हैं। आप चाहें तो अपनी कविता भी हमें भेज सकते हैं। अगर आपको यह कविता अच्छी लगे तो आप हमें कमेंट कर जरूर बताएं। आइए पढ़ते हैं.

Jab we met poem in hindi 

पता नही ये मुलाकात कैसी होगी
दिन होगी या रात होगी
जैसी भी होगी ख़ास होगी 
तब ख़ुदा की मर्ज़ी भी साथ होगी। 

चार साल होने को है
दो साल से मिले नहीं
ये आंकड़े फासले सब छोटे लगेंगे
जिस दिन हम दोनों मिलेंगे।

बातें तो बहुत हुई है
एहसास का वक्त हो चला है
सांसे सांसों को बताएगी
ये दौर भी आ चला है

पिछली मुलाकात 
लम्हे वो भी थे ख़ास 
कई जज़्बातों का सैलाब 
आया था एक साथ। 

वो शुबह की मुस्कान 
हल्की सी, स्थिति के उलट 
केवल दिखाने को था 
हमने तो पूरी रात चुरा ली थी 
ये मिलना कुछ ही समय के लिए तो था। 

रह गयी है जो कसर बाकी 
जल्द पुरे करने हैं 
उन्हें भी तो पता चले 
मेरे अंदर कितने 
अरमानों के झरने है। 

चैन करार छीन सी गई है
ये वक्त भी बेकरार हो गई है
तुम्हे साथ तो देना होगा
वरना तकलीफ़ का हर्जाना 
ज़िंदगी के बाक़ी वक्त को देना होगा।

रंजन गुप्ता 

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Ranjan Gupta

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4 thoughts on “ये दौर भी आ चला है | Jab we met poem in hindi”

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