नयी सुबह का सपना | Inspirational Hindi Kavita

By Ranjan Gupta

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Inspirational Hindi Kavita: नयी सुबह का सपना नामक यह कविता आपको फिर से खड़ा होने तथा सपनों को नयी गति देने की ओर ईशारा करती है। यह कविता आपको मोटिवेट कर सकती है। यह कविता डॉ. आरती जी ने लिखा है। पसंद आए तो आप कमेंट करके जरुर बताइएगा।

नयी सुबह का सपना | Inspirational Hindi Kavita

साँझ ढली तो अंधेरे बोले,
“कब तक यूँ थकोगे तुम?”
तारों की मुस्कान सजी थी,
राहों में रौशनी जो तुम।

नदियाँ कलकल गाने गाती,
मन की चुप्पी तोड़ो तुम।
खो गया जो सपना कल का,
फिर से उसको जोड़ो तुम।

हवा चली तो कहे कहानी,
पत्तों का संदेश सुनो।
हर गिरता पत्ता बोले,
“उठो, न थको, बस चलो।”

आसमान की छतरी के नीचे,
ख्वाब नए बुने हम सब।
अंधेरों का जाल हटाएँ,
पकड़ लें फिर नई सुबह।

खुद से कहो, तुम हो राही,
हर मुश्किल से पार चलो।
नन्हे से दीपक की लौ बन,
सारा जग उजियार करो।

डॉ. आरती

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Ranjan Gupta

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