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‘एहसान’ | प्यार में धोखा पर कविता | Poem on betrayal in love

By Ranjan Gupta

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Poem on betrayal in love

Poem on betrayal in love: प्यार में लोगों को कई दफा धोखा मिलता है। अगर प्यार सच्चा ना हो तो ऐसी चीजें देखने को मिलते हैं। आज सच्चा प्यार खोज पाना काफी मुश्किल है। ऐसे में आइए पढ़ते हैं Poem on betrayal in love जो कि जावेद अख्तर साहब की है।

जाने के लिए मत आना | Poem on betrayal in love

अब अगर आओ तो जाने के लिए मत आना
सिर्फ एहसान जताने के लिए मत आना

मैंने पलकों पे तमन्‍नाएं सजा रखी हैं
दिल में उम्‍मीद की सौ शम्‍मे जला रखी हैं
ये हसीं शम्‍मे बुझाने के लिए मत आना

प्‍यार की आग में जंजीरें पिघल सकती हैं
चाहने वालों की तक़दीरें बदल सकती हैं
तुम हो बेबस ये बताने के लिए मत आना

अब तुम आना जो तुम्‍हें मुझसे मुहब्‍बत है कोई
मुझसे मिलने की अगर तुमको भी चाहत है कोई
तुम कोई रस्‍म निभाने के लिए मत आना

जावेद अख्तर

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Ranjan Gupta

मैं इस वेबसाइट का ऑनर हूं। कविताएं मेरे शौक का एक हिस्सा है जिसे मैनें 2019 में शुरुआत की थी। अब यह उससे काफी बढ़कर है। आपका सहयोग हमें हमेशा मजबूती देता आया है। गुजारिश है कि इसे बनाए रखे।

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