‘एहसान’ | प्यार में धोखा पर कविता | Poem on betrayal in love: प्यार में जब हम होते हैं तो कई चीजों का हमें ख्याल नहीं होता। आपके आसपास से चीजें होती जाती हैं और आपको एक दिन पता चलता है कि मेरे साथ ये भी हो रहा था और हमें पता तक नहीं चला। धीरे-धीरे आप साइडलाइन हो जाते हैं। जीवन इसी का नाम है। तब आपको पता चलता है कि आपने बहुत बड़ी गलती की है और इससे सबक लेते हैं। ‘एहसान’ इसी पर बेस्ड एक कविता है। आप इसे पढ़िए और अपनी प्रतिक्रिया दिजिए।
प्यार में धोखा |
प्यार में धोखा पर कविता
एहसान
अपनी ही जान को जाना अंजान किया है।।
वो प्यार भी ऐसे दिया कि भीख दे रहे हो।
और क्लेश भी ऐसे दिया की दान किया है।।
शाश्वत समझ कर भव का प्रभाव तुमने।
अभिमान को अपने बहुत बलवान किया है।।
माया समझ के प्रेम के दीपक की ज्योति को
आत्म का तू ने बहुत अपमान किया है।।
और खेलने की धुन में ‘कोमल‘
किशोरी तू ने।
मेरे स्वप्निल संसार को श्मशान किया है।।
in Hinglish
Yaad nahiin kiyaa tumane ahasaan kiyaa hai.
Apanii hii jaan ko jaanaa amjaan kiyaa hai..
Vo pyaar bhii aise diyaa ki bhiikh de rahe ho.
Owr klesh bhii aise diyaa kii daan kiyaa hai..
Shaashvat samajh kar bhav kaa prabhaav tumane.
Abhimaan ko apane bahut balavaan kiyaa hai..
Maayaa samajh ke prem ke diipak kii jyoti ko
Aatm kaa tuu ne bahut apamaan kiyaa hai..
Owr khelane kii dhun men ‘komala’ kishorii tuu ne.
Mere svapnil samsaar ko shmashaan kiyaa hai..
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