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तुम कांटों का ध्यान रखोगी.. | Long Distance Relationship Poem hindi

By Ranjan Gupta

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Long Distance Relationship Poem
Long Distance Relationship Poem hindi – Poems wala 

Long Distance Relationship Poem hindi 

दुख समेटने चली थी वो
जी भर गया उसका तो मेरा क्या ?
मैने अपना माना था उसे
ज़ख्म दिया तो जाम समझे क्या ?

दिल में रौनक सजाने चला था
ला नहीं पाया बताओ सजा क्या ?
संभाला न गया था तब ख़ुद को
आंसू आ गए थे किसी ने पोछा क्या ?

मीठी यादों से कहानी लिखना था
आंधी आई तो सोचा.. बुनना था क्या ?
मुमकिन हो तो हर सुबह तुम्हें देखूं
तुम किसी और को देखो वो सवेरा क्या ?

मैं तो अपने लिए बेड़ियां लगा दूं
तुम चढ़कर कूद जाओ फिर माफ़ी क्या ?
लोग तो हर चीज में शॉर्टकट देखते हैं
कोई रास्ता पार न हो तो ये साथ क्या ?

प्यार करने के तरीके भी अब अलग मिलेंगे
इसको आसान समझ लो तो ये राज़ क्या
अगर फंस जाऊं मैं कांटों में
तुम कांटों का ध्यान रखोगी फिर मेरा क्या ?
_रंजन गुप्ता 

Thank You So Much For Reading This poem. I’m waiting for your valuable comment

Ranjan Gupta

मैं इस वेबसाइट का ऑनर हूं। कविताएं मेरे शौक का एक हिस्सा है जिसे मैनें 2019 में शुरुआत की थी। अब यह उससे काफी बढ़कर है। आपका सहयोग हमें हमेशा मजबूती देता आया है। गुजारिश है कि इसे बनाए रखे।

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