Long Distance Relationship Poem hindi – Poems wala |
Long Distance Relationship Poem hindi
दुख समेटने चली थी वो
जी भर गया उसका तो मेरा क्या ?
मैने अपना माना था उसे
ज़ख्म दिया तो जाम समझे क्या ?
दिल में रौनक सजाने चला था
ला नहीं पाया बताओ सजा क्या ?
संभाला न गया था तब ख़ुद को
आंसू आ गए थे किसी ने पोछा क्या ?
मीठी यादों से कहानी लिखना था
आंधी आई तो सोचा.. बुनना था क्या ?
मुमकिन हो तो हर सुबह तुम्हें देखूं
तुम किसी और को देखो वो सवेरा क्या ?
मैं तो अपने लिए बेड़ियां लगा दूं
तुम चढ़कर कूद जाओ फिर माफ़ी क्या ?
लोग तो हर चीज में शॉर्टकट देखते हैं
कोई रास्ता पार न हो तो ये साथ क्या ?
प्यार करने के तरीके भी अब अलग मिलेंगे
इसको आसान समझ लो तो ये राज़ क्या
अगर फंस जाऊं मैं कांटों में
तुम कांटों का ध्यान रखोगी फिर मेरा क्या ?
_रंजन गुप्ता
Thank You So Much For Reading This poem. I’m waiting for your valuable comment