Complicated relationship poems hindi – Poems Wala |
Complicated relationship poems
दस्तूर-ए-ज़िंदगी हरफनमौला
किसी को मिला किसी का खून खौला
तुम्हे अपना बनाने चला था
जवाब न तुमने दिया और ना मुझे मिला
ठीक भी है
सवाल किसी का क्यों सुनना ?
ख्याल बुनना है तो बुनो ना
रख सकती हो ध्यान अपना
तो बिना बताए, रखो ना
अब तुमसे शिकायत वैसी नहीं रही
तुम्हारी हर बातें याद रखने की आदत नहीं रही
नाराज़ होना हो तो हो लेना
कई बातों का मजाल भी वैसी नहीं रही
: रंजन गुप्ता
Wonderful
👏👏
👍👍
Awesome
Thanks ❣️
🍂❤️
🙏
Shukriya 🌻