वे हमारे नहीं सुनते | Hindi Poems about life

By Ranjan Gupta

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वे हमारे नहीं सुनते | Hindi Poems about life 

अगर तुम कहोगे –

बादल हैं भी 
तो वो सारे ज़गह नहीं हैं
तुम्हारे वहां होंगे
पर मेरे यहां नहीं हैं।
 
तो मैं कहूंगा कि –
 
अगर बारिश नही हुई
तो तुम निराश हो सकते हो
मैं नहीं होता
क्योंकि मेरे लिए छाव भी ज़रूरी है।
 
अगर तुम कहोगे–
 
वे हमारे नहीं सुनते
हवा के साथ चल पड़ते हैं
उनके स्वार्थ दिखते हैं
बरसने के बजाए गरज़ के चले जाते हैं।
 
तो मैं कहूंगा–
 
देखोगे जब उन्हें 
काले नज़र आ सकते हैं
मेरे लिए तो वे रंगीन हैं
जब सूर्य के किरणे साथ होती है।
 
और अंत में ये कहूंगा कि :–
 
आसमान साफ़ हो अगर 
तो जरूरी नहीं कि आप सबकुछ देख पाओ
कई चीज़ें ऐसी भी हैं
जिन्हें ऊपर जाकर ही देखा जा सकता है।
 
 
:– रंजन गुप्ता 

Ranjan Gupta

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