motivational poem in hindi Poems wala |
motivational poem in hindi
खड़ा हूं तब तक
जब तक ये रास्ते खुले हुए हैं
दौड़ भी पाऊंगा कमबख्त
कई निशान लगे हुए है
पाना चाहो ठीक है
जब तक हाथ खुले हुए है
बंध भी गए तो रुक नही सकते
इरादें पीछे पड़े हुए हैं
मैं कहता हूं कि कूद जाओ
ये शहर कही तो तुम्हे छोड़ेगा ही
आज बातें समझ आई है
कल ये राज़ भी खुले हुए हैं
फालतू मन लिए बैठे हैं
ज़रूरी न भी हो सोचे हुए हैं
चाहो तो पूरी बात बन जाए
पर हम आहें भरने में लगे हुए हैं।
|| रंजन गुप्ता ||
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