Hindi breakup poetry Poems Wala |
Hindi breakup poetry
कल उनसे मिलने की
अनेकों आज़ पेश की गई
कुछ देर बातें हो सके,
ऐसी उम्मीद तेज़ की गई
वक्त की अंदाज़ा था हमें
बस धैर्य की कीमत लगाई गई
साथ बैठने की गुज़ारिश करते
उससे पहले ही दूर रहने की हिदायत दी गई
वो न मिलने को राज़ी हुए
न ही ये बात उनसे समझी गई
कह सकता हूं, उनको फुर्सत नहीं थी
न ही ये हिम्मत हमसे जुटाई गई
जो दिल में थी वो दिल में ही रह गई
इश्क का भूचाल, बातों में ही उलझ गई
एक आवाज़ चीखता है, चीखने देते है न
जो सुनना था, वो तो चेहरे पर ही दिख गई।
आज़ > इच्छा
हिदायत > चेतावनी
रंजन गुप्ता
Thank You So Much For Reading This poem. I’m waiting for your valuable comment
एकदम उम्दा लिखे हो।
Nyc💕💕
शुक्रिया !
Thanx
Too deep n too good👌👌
Thanks