Sad life poem in hindi |
Sad life poem in hindi
बहला लेते है ख़ुद को, ये बोलकर कि
अभी तो ज़िंदगी की शुरुआत है
ख़ुद ढूंढ लेते है दूसरों में, ये समझकर कि
अभी पतझड़ है तो कल बरसात भी है
मुस्कुराते हुए तकदीर का ऐसा सितम देखा है
कई लोगों को बिगड़कर बनते देखा है
बर्बादियों को महसूस किया, दर्द सहा
हमने रेत की तरह खुशियों को भी फिसलते देखा है
कल तुम नहीं तो कोई और भी
बहारों को दूर तलक जाते देखोगे
आज नए तरीके से लोग जीते है लेकिन
कल पुराने को पुराना कह नहीं पाओगे।
: रंजन गुप्ता
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Thank You So Much For Reading This poem. I’m waiting for your valuable comment
Awesome bro lge rhiye
Thanq