A message to myself Poem – Poems Wala |
A message to myself Poem
हर दिन अश्को में लिपट रहा है
हर रात सोचने को बिखर रहा है
ना लगा तू मौत का अंदाजा उसका
हंसने वाला किसी दर्द से घूंट रहा है
तू कब खुश था, क्या तुझे पता है ?
इश्क का करना क्या है, कुछ सोचा है ?
होता शुरुआत सबका खूबसूरत है
इन मुश्किल सफर का अंत देखा है ?
मतलब नहीं है शिकायत करने का
समय है सारी जतन भूल जाने का
तेरी हरेक बातें कितनी जायज थी
मोहब्बत जो किया था, साथ जीने का।
~रंजन गुप्ता
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