muktak kavya |
हम एक हो भी जाएं तो क्या ? Complications In Relationship
गर उल्फतों के बीच मैं फंस जाऊ
तो तुम्हारा क्या ?
अगर तुम्हे न मनाउँ तो मेरा क्या ?
घर पर सब ठीक है
ये हम न बताएं तो हमारा क्या ?
हम दोनों को उदासी मिलेगी
हमें पता था क्या ?
कुछ दूर का फासला था तब
अब दिल का दिल से है,
जुड़ पायेगा क्या ?
अगर तुम्हारे करीब आ जाऊ
तो मेरा क्या ?
ख़ुशी के ठिकाने अब रहा नहीं करती
गम के मशरुफ़ परदे
मैं हटा पाऊंगा क्या ?
मेरा जहन ही काबिल नहीं रहा
ठोकरों से किसी के सहारे की उम्मीद करूँ क्या ?
~रंजन गुप्ता
ये भी पढ़ें : (2023) Best Hindi Poems about Life | 20+ Poems on Life in Hindi
Thank You So Much For Reading This poem. I’m waiting for your valuable comment
😍💚
अतिसुन्दर….
बहुत खूब ❤❤👍👍
Thànq