Romantic poem in hindi for love: प्रेम एक सुंदर एहसास है। इसका जिक्र आप किसी न किसी तरह से आप अपने जीवन में करते ही हैं। वैभव जी ने भी एक कविता के माध्यम से प्रेम के उस भाव को दर्शाया है जिसे आपको पढ़कर मजा आ जाएगा। तो चलिए बिना किसी देरी के कविता पढ़ना शुरु करते हैं…
पवित्र हो तुम | Romantic poem in hindi for love
ये वक्त गवाह है मेरा कि तुम इंतज़ार हो मेरी,
किताबों के पन्ने चिल्ला कर कह रहे हैं हैं,
तुम कहानियों का सार हो मेरी।
मेरे मंजिल का खूबसूरत रास्ता हो तुम,
मेरे लिए एक अधूरी दास्तां हो तुम।
कमज़ोर कड़ी का एक ऐसा पक्ष हूं मैं,
जो बिना मिले ही बिछड़ गया वो शख्स हूं मैं।
तू आज भी उतनी ही आफरीन है,
मगर तू मेरी पसंद नहीं,
तेरे चरित्र को मैं बेकार कहूं,
इतनी मेरी औकात नहीं।
तेरा ना करना लाज़मी था मुझे,
क्योंकि मैं कोई खास नहीं,
तुम बन जाओ मेरी ,
ये ऊपर वाले को भी रास नहीं।
लोग उपहास उड़ाते हैं तुम्हारा,
मैं एकतरफा चिल्लाता रहता हूं,
कि गंगा सी पवित्र हो तुम,
जो अरबों में एक हो, ऐसा चित्र हो तुम।
पवित्र हो तुम, पवित्र हो तुम,
पवित्र हो तुम।।
कवि: वैभव
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