Ghazal on Silence: हमारी संस्कृति में मौन की बड़ी महिमा है। कहते हैं कि मौन में समाधान मुखर होता है। इसलिए मौन में जीवन के गूढ़तम प्रश्नों का हल निकालना संभव होता है। अगर कोई ऐसी समस्या हो जिसका समाधान लंबे समय से नहीं हो पा रहा हो तो मौन मार्ग दिखा सकता है।
मौन की महिमा | Ghazal on Silence
मौन कि महिमा जान गए हो! कम बोलो
ख़ुद को तुम पहचान गए! कम बोलो
पल में प्रलय,कर दे सृजन वो क्षण भर में
उसकी सत्ता मान गए हो! कम बोलो
फूल खिलेगा तो ख़ुशबू महकेगी ही
अपनी शान बखान गए हो ! कम बोलो
आज्ञान मिटेगा पग-पग में अनुभव से
ख़ाक जहां की छान गए हो! कम बोलो
पद पैसा सम्मान यहीं सब रह जाएगा
यार कभी शमशान गए हो ! कम बोलो
Sudhir bamola
उम्मीद है कि आपको ये गज़ल पसंद आई होगी। चाहें तो आप हमें कमेंट कर फीडबैक दे सकते हैं। अगर आप भी अपनी कविता या रचना हमारी साइट पर पोस्ट कराना चाहते हैं तो आप हमसे जुड़ सकते हैं। यहां क्लिक करके लिंक पर जाकर गूगल फॉम को भरें और इंतजार करें। आप हमारी दूसरी साइट Ratingswala.com को भी विजिट कर सकते है। वहां, मूवी, टेक खबरों के साथ साथ उसकी रिविव पढ़ने को मिलेंगे।
ये भी पढ़ें: 10+ रोमांटिक कविता | Romantic Love Poems in Hindi