Love poetry in hindi: नमस्कार, हमारे ब्लॉग के एक नए पोस्ट में आप सभी का स्वागत है। आज हम आपके लिए लेकर आए हैं एक ऐसी कविता जो प्यार पर आधारित है। हम रोज ऐसी ही कविता लेकर आते रहते हैं। आप चाहें तो अपनी कविता भी हमें भेज सकते हैं। अगर आपको यह कविता अच्छी लगे तो आप हमें कमेंट कर जरूर बताएं। आइए पढ़ते हैं
कहीं आदत तो नहीं समझ रखा है आपने | Love poetry in hindi
शायद बहुत कुछ सोच रखा था तुमने
हर बात का जवाब ढूंढ रखा था तुमने
मैंने भी कहाँ समझा पाया तुम्हे कि
आसान तो अब भी नहीं है समाज को बताना
ये इश्क है जनाब, कहीं बोलने की
आदत तो नहीं समझ रखा है आपने
चुपी साधना अभी अभी तो छोड़ा है
आपको दिक्कत मेरे ख्याल से होनी नहीं चाहिए
आप किस लम्हें की बात कर रहे हैं जनाब
देखना है तो अब कुछ बोल कर देखिये
करके फज़ीहत हमने भी आपके साथ
खामखा डरने वाली गुंजाईश नहीं छोड़ी
मगरूर तो हम उस दिन भी नहीं थे वरना
पछताने वाली जैसी कोई बात ही नहीं होती।
रंजन गुप्ता
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जबरदस्त भाई