love poetry in hindi Poems Wala |
love poetry in hindi
ख़बर है कि वो खुश हैं
मुझे इसकी ग़फ़लत होती कैसे ?
खैर! मतलब हम भी न रखते
अगर उनसे मोहब्बत न होती गुलाब जैसे
बहस से बात नहीं बनती
उनको ये मालूम हो जैसे
हर चीज़ का हिसाब रखना था
उनको इसकी ख़ता हो भी कैसे ?
सुना हैं, रिश्ते सुधारने की तलब है उन्हें
पर वो भी होंगे उनके अदब जैसे
बात गलत जगह आपने मोड़ी
लो बहाने भी लायी तो कैसे कैसे ?
सीधे शब्दों में कुछ नहीं कहा
जवाब देने से ज़्यादा सवाल कैसे ?
चाहत थी तो कभी खुलकर आने देते
तब बात होती एक समझदार जैसे।
: रंजन गुप्ता
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