Poem on Friendship

Aaj kal ki Dosti par kavita

कलियुगी दोस्त | Aaj Kal ki Dosti par kavita

Aaj Kal ki Dosti par kavita: झूठी मुस्कानों और स्वार्थ से भरे रिश्तों के इस दौर में सच्ची दोस्ती एक दुर्लभ खजाना बन गई है. यह कविता आज के समाज में बदलते संबंधों की सच्चाई को उजागर करती है जहां रिश्ते ज़रूरतों से बंधे होते हैं और भावनाएं दिखावे में खो जाती हैं.