Motivational poem in hindi – Poems Wala |
Motivational poem in hindi
ख्वाहिशों की चादर मोटी रखना
उधेड़ न पाए कोई तू जटिल बनना
क्या है की लोग वहां भी रहेंगे
कोई तुम्हे हिला न पाए इतना मजबूत बनना।
उजाले अंधेरों से ही है,
नज़र आंखों से ही है
उन अंधेरों में तुम्हारी आंखें खुली रहे,
इस बात का ध्यान रखना, क्या पता
एक उजाला तुम्हारी नज़र पर भी पड़े
और आंखों में फिर से अंधेरा समा जाए।
पर ये क्षणिक होता है
कई रास्तों का हुजूम होता है
सफर मंजिल की खोज में हो
अन्यथा खोज रास्तों का होता है।
मोड़ बेहिसाब हैं
बिना चले मालूम नही होगा
मंजिल तो इसी का नाम है
खोए बिना कुछ हासिल नहीं होगा।
: रंजन गुप्ता
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Thank You So Much For Reading This poem. I’m waiting for your valuable comment
Motivating line Gupta ji.
Wow that's awesome
Bahut umda …. Ranjan ji 🙏🙏👌👌
❤❤🙏🙏❤❤
Superb 🔥🔥
Wello
Badhiya