Hindi Motivational Kavita | Poems Wala |
सोच रहा हूं…| Hindi Motivational Kavita
सोंच रहा हूं,ये पल बदल दूं
आंखे जो भरी पड़ी हैं,
उनकी यादों से बेखबर हो लूं
ये दिन कुछ इस तरह बीत रहें
मन करता है इसको पीछे छोड़ दूं।
बीते लम्हों का असर कुछ यूं है
जुड़ना चाहता नहीं और
टूटने से खुद को रोक पाता नहीं,
क्या करूं समझ नही आ रहा
सोच रहा हूं, अपनी समझ ही बदल दूं।
क्या है न दोस्त
हालात लफ्ज़ों में बिखरा पड़ा है
अगर समेट पाता तो बेहतर होता
मानता हूं उनके लबो पर हैं गीत मेरे
पर उनमें भी बयां नहीं हूं मै
सोच रहा हूं, वो गीत ही बदल दूं।
: रंजन गुप्ता
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Thank You So Much For Reading This poem. I’m waiting for your valuable comment
"क्या है न दोस्त"
ये पंक्ति ऐसी है जैसे आप सामने ही किसी को बोल रहे हैं ।
♥️
Woah🤩
Thanx
Very nice ranjan ji 🔥🔥🔥🤟